सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट ट्विटर के भारतीय विकल्प के तौर पर हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में काम करने वाली सोशल मीडिया नेटर्विकग साइट ‘मूषक’ पेश की गई है. मूषक के संस्थापक अनुराग गौड़ ने बताया, मूषक एंड्राइड एप और वेबसाइट दोनों ही रूपों में इंटरनेट पर मौजूद है. स्मार्टफोन पर इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है तथा इसके अलावा कम्प्यूटर पर इसे गूगल सर्च में डब्लूडब्लूडब्लू डाट मूषक डाट इन के नाम से खोजा जा सकता है. यह सम्पूर्ण रूप से भारतीय और भारतीय युवाओं द्वारा तैयार किया गया है. यह देश का पहला स्वदेशी नेटवर्क है.’’ गौड़ ने कहा कि देश में अभी 2.5 लाख लोग मूषक का उपयोग कर रहे हैं तथा रोज हजारों लोग इससे जुड़ रहे हैं.

उन्होंने यह भी बताया कि जहां ट्विटर पर शब्दों की सीमा 140 शब्द हैं, वहीं हमने मूषक पर इसे 500 रखा है. कम्प्यूटर अथवा स्मार्टफोन पर हिन्दी टाइप करना रोमन लिपि पर आधारित है, इसलिए लोग हिन्दी लिखने से कतराते हैं. उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में बदलती तकनीक के साथ हिन्दी को लोगों से परिचित कराना होगा, ताकि लोग रोमन लिपि से पिछड़कर अपनी पहचान ना खो दें

फिलहाल मूषक हिन्दी के अलावा मराठी और गुजराती में उपलब्ध है. अंग्रेजी में यह उपलब्ध नहीं है. यह बाद में भारत की अन्य भाषाओं में भी लाया जाएगा. मूषक का उद्देश्य हिन्दी और देवनागरी को आज की पीढी के लिए सामयिक और प्रचलित करना है. इस सोशल नेटवर्किंग साइट पर हिन्दी भाषी रोमन में टाइप करने से वहीं तत्काल हिन्दी शब्द का विकल्प पा सकेंगे.

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मूषक के सीईओ ने कहा कि टिवटर, फेसबुक सरीखे सोशल नेटवर्किंग साइटस, जिसे हमारे नेताओं, अभिनेताओं और प्रतिष्ठित लोगों ने जोर-शोर से अपनाया है, वहां प्राथमिकता अंग्रेजी भाषा को दी जाती है और उसे ही देश की आवाज समझा जाता है. हिन्दी दोयम दर्जे की मानी जाती है. उन्होंने कहा कि मूषक द्वारा हम इस प्रक्रिया को सही मायनों में गणतांत्रिक बनाना चाहते हैं, जहां गण की आवाज गण की भाषा में ही उठे.

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