नकुल ने नेहा को समझाते हुए कहा, "नेहा, तुम्हारी यह बड़ी गलती है कि तुम ने हम से बिना सलाहमशविरा किए अपने पिता की प्रौपर्टी में आधा हिस्सा मांग लिया. तुम ने यह नहीं सोचा कि तुम्हारी ससुराल की प्रौपर्टी में तो तुम्हारा 100% हिस्सा है ही. नेहा यह सब कुछ तुम्हारा ही तो है. लेकिन अगर तुम्हारी तरह मेरी बहन और तुम्हारी ननद विभा भी ऐसे ही हमारी प्रोपर्टी पर आधे का दावा ठोंक दे तब क्या होगा? हम तो कहीं के भी नहीं रहेंगे."
लेकिन नेहा खुद को इतनी बड़ी चतुर सुजान समझती थी कि जैसे सारा संविधान और कानून उस ने खरीद कर अपनी जेब में रख लिया हो. जब विभा को यह पूरी खबर मिली कि कैसे उस की भाभी नेहा ने अपने बुजुर्ग मातापिता की आधी प्रौपर्टी अधिकार के नाम पर हथिया ली है तो उसे वे सब बातें भी याद आने लगीं कि नेहा भाभी ने किस तरह से उस की शादी में होने वाले खर्च में कटौती करवाई थी और इसी कारण उसे ससुराल में महिलाओं के कैसे ताने सुनने पड़े थे जबकि नेहा भाभी ने अपनी शादी में अपनी ख्वाहिशें पूरी करने के लिए अपने पापा और भाई को कर्जें में डूबो दिया था जिस से वे अभी तक उबर भी नहीं पाए थे कि उन की अधिकार के नाम पर आधी संपत्ति हड़प ली.
जब विभा ने अपने पति आकाश से इस संबंध में बात की तो आकाश ने बड़ी समझदारी दिखाते हुए कहा, "विभा, रिश्तों में थोड़ा बहुत ऊंचनीच चलता रहता है. नेहा ने जो कुछ किया वह उन की व्यक्तिगत सोच का मामला है. हम ने तो तुम्हारे परिवार वालों से कभी कुछ नहीं मांगा और न ही हमें कोई शिकायत है. हम तो अपने दम पर कमाने और आगे बढ़ने में विश्वास करते हैं. किसी के देने से आज तक किसी का पेट भरा है क्या? हम चैन से जीते हैं और सुख की नींद सोते हैं. हम ने तो यह सुना है कि नेहा को नींद की गोलियों का सहारा लेना पड़ रहा है."
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