साहिबा एक आधुनिक खयाल वाली युवती थी। वह अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीती थी। सगाई के बाद जब उसे लगा कि उस के ससुराल वाले अंधविश्वासी और दकियानूसी सोच वाले हैं तो उस ने शादी तोङने का फैसला कर लिया। मगर क्या यह इतना आसान था...