मैं नहीं मानती : विधवा होने के दर्द को दर्शाती कहानी
संध्या विधवा होने का दर्द झेल चुकी है और वह नहीं चाहती है कि उस की बेटी भी यही दर्द झेले. जानती है वह कि यह समाज उसे माफ नहीं करेगा, मगर क्या वह समाज के बनाए दकियानूसी परंपराओं के खिलाफ आवाज उठा पाएगी...