कृपानिधान दूसरी ही बात बिना जरा सी भी झिझकहिचक से कह रहा है, ‘‘उस लङकी को इतना अच्छा वर कहां मिलता, बताइए. थोड़ा सा पैर में खोट है. लेकिन कितनी सुशील और शिष्ट है.