Romantic Story : ‘‘अलका, आज नो स्कूल डे की मौज ले,’’ शमीका मोबाइल पर खुशी जाहिर कर रही थी.

‘‘मतलब क्या है तेरा?’’ मैं असमंजस में थी.

‘‘अरे सुन, आज सुबहसुबह राजन सर की हार्टअटैक से मौत हो गई. सो, आज छुट्टी है स्कूल की,’’ शमीका ने खुशी जाहिर की.

‘‘यह ठीक है कि राजन सर को हम पसंद नहीं करते, मगर इस पर खुश होना ठीक नहीं शमीका. यह गलत है. एक तो वे नौजवान थे और उन की फैमिली भी थी. प्लीज, ऐसा मत बोल,’’ मैं ने शमीका को समझने की कोशिश की.

‘‘हेलो यार, छोटीछोटी गलतियों पर सारे लड़कों के सामने हम लड़कियों को ‘डम्ब’ और ‘डंकी’ कहते थे, तब,’’ शमीका बड़बड़ाती रही अपनी रौ में. मैं ने फोन काट दिया.

ठीक है हमारे इंग्लिश टीचर राजन सर थोड़ा ज्यादा ही रूड थे और खासकर लड़कियों को अकसर नीचा दिखाते थे, मगर इस का मतलब यह तो नहीं कि उन की एकाएक डैथ हो जाए और हम खुश हों. उन के बारे में सुन कर दिल भारी हो गया. अभी कुछ दिनों पहले ही तो उन्होंने अपनी लाड़ली बेटी रिम्पी का पहला बर्थडे मनाया था और उस की फोटो अपने फेसबुक प्रोफाइल में डाली थी. उस बच्ची के लिए मैं उदास थी.

मेरा इंग्लिश मीडियम स्कूल एक को-एड स्कूल था और मेरे क्लास के सारे साथी 11-13 उम्र वर्ग से थे जब सारे लड़केलड़कियों के तनमन में अजीब सी सनसनाहट शुरू हो जाती है और एकदूसरे के लिए अजीब अजीब खयाल उठना शुरू हो जाता है.

जब लड़कों में ईगो बढ़ने लगता है और उन की सोच में ऐंठन आने लगती है. वहीं लड़कियां आईने के सामने ज्यादा समय अपने को सजानेसंवारने में लगाती हैं. यहां तक कि  स्कूल यूनिफौर्म में भी अपने को घुमाफिरा कर चोरीचोरी ये समझने की कोशिश करती हैं कि क्लास के लड़के उन के लुक्स और उभरते शरीर को देख कर नर्वस होते हैं या नहीं. लड़के और लड़कियों के बीच एकदूसरे से बेहतर साबित करने का मौन कंपीटिशन चलता रहता है. प्रौब्लम यह भी है कि जबतब किसी का भी किसी पर क्रश हो जाता है.

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