स्वाति ने रवि को अपनाने के साथ उस के घर वालों को भी मन से अपनाया था लेकिन उन सब ने तिरस्कार के सिवा स्वाति को कुछ न दिया. रवि भी घर वालों के आगे उसे गौण बनाता गया. दोनों के बीच दूरी इतनी बढ़ गई कि उसे मिटाना अब संभव न था.