Love Story : पैंतालीस साल के अधेड़ दिवाकर ने जल्दी से औटो वाले को किराया दिया और अपना हैंडबैग संभालते हुए तेजी से रेलवे स्टेशन के उस हिस्से की ओर दौड़ पड़ा जहां क्लौकरूम स्थित था. बारबार घड़ी देखने के साथ उस की नजर क्लौकरूम की ओर थी, जहां से उसे अपना सूटकेस लेना था.
ट्रेन छूटने में सिर्फ 20 मिनट ही शेष थे और उसे तत्परता से यह काम कर, 2 फुटओवर ब्रिज पार कर के प्लेटफौर्म नंबर 6 पर पहुंचना था जहां पर वह ट्रेन खड़ी थी जिस में सवार हो कर उसे अपने गंतव्य दिल्ली पहुंचना था. खैर, शीघ्रता से औपचारिकता पूरी कर उस ने अपना सूटकेस लिया और दौड़ताहांफता प्लेटफौर्म नंबर 6 पर जा पहुंचा.
ट्रेन चल पड़ी थी लेकिन अभी उस ने रफ्तार नहीं पकड़ी थी. उस की आंखें चलती ट्रेन में अपने कंपार्टमैंट एस-3 डब्बे को खोजने लगी. ट्रेन धीरेधीरे स्पीड पकड़ रही थी और उस का एस-3 डिब्बा आगे निकल चुका था. उस ने सोचा, यदि वह अपने कंपार्टमैंट की ओर दौड़ेगा और उस तक पहुंचेगा, तब तक तो ट्रेन की स्पीड बढ़ जाएगी और उस का ट्रेन में चढ़ना मुश्किल हो जाएगा. संभव है ट्रेन ही छूट जाए. उस की त्वरा बुद्धि ने तुरंत प्रतिक्रिया दी. उस ने अपना सूटकेस सामने से गुजरते हुए एक डब्बे में फेंका और खुद भी दौड़ कर उस में सवार हो गया.
जिस डब्बे में वह चढ़ा था वह एक द्वितीय श्रेणी का आरक्षित कंपार्टमैंट था. उस ने घूम कर देखा, सभी लोग अपनीअपनी सीट पर बैठे अपने में मशगूल थे. कोई अपना सामान सेट कर रहा था, तो कोई जूते उतार कर उन्हें बर्थ के नीचे खिसका रहा था, तो वहीं, कोई मोबाइल में व्यस्त था. उन्हीं में से एक ऐसा भी हिस्सा था जिस में एक ही महिला बैठी हुई थी. सकुचाते और इधरउधर देखते हुए वह इस हिस्से में महिला के सामने वाली खाली बर्थ पर जा कर बैठ गया. जो महिला उस के सामने वाली बर्थ पर बैठी थी वह लगातार खिड़की से बाहर पीछे छूटते प्लेटफौर्म को निहार रही थी. दिवाकर उसे कनखियों से देखने लगा.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन