मेनका बोली, ‘‘आप लोगों का आशीर्वाद है.’’
जब मेनका चिप्स और चैकलेट का पैसा देने लगी, तो रवि बोला, ‘‘मेरी तरफ से गिफ्ट है. हम गरीब आदमी और दे ही क्या सकते हैं?’’
मेनका भी निःशब्द हो गई और चिप्स और चैकलेट इसलिए ले लिया कि रवि के दिल को ठेस न पहुंचे.
मेनका भी रवि के विचारों से प्रभावित हो गई. मेनका रवि से एक दिन मोबाइल नंबर मांगी. रवि तो इस का इंतजार ही कर रहा था, लेकिन खुद मोबाइल नंबर मांगने में संकोच कर रहा था.
आज रवि बेहद खुश था और फोन के आने का इंतजार कर रहा था. जब भी मोबाइल रिंग करता, तो दिल धड़कने लगता. देखता तो दूसरे का फोन. मन खीज उठता. जब रवि रात में खाना खा कर करवटें बदल रहा था. नींद नहीं आ रही थी. ठीक रात 11 बजे रिंग टोन बजा. जल्दी से बटन दबाया, तो उधर से सुरीली आवाज आई, ‘‘सो गए क्या?’’
रवि बोला, ‘‘तुम ने तो हमारी नींद ही गायब कर दी. जिस दिन से डांस का तुम्हारा प्रोग्राम देखा है, उस दिन से हमारे दिमाग में वही घूमता रहता है. रात में नींद ही नहीं आती.’’
मेनका मुसकराते हुए एक गाना गाने लगी, ‘‘मुझे नींद न आए, मुझे चैन न आए, कोई जाए जरा ढूंढ के लाए, न जाने कहां दिल खो गया...’’
‘‘अरे मेनका, तुम तो गजब का गाना गाती हो. हम तो समझे थे कि सिर्फ डांस ही करती हो. कोयल से भी सुरीली आवाज है तुम्हारी. इस तरह की सुरीली आवाज विरले लोगों को ही नसीब होती है.’’
फिर दोनों इधरउधर की बहुत सी बातें करते रहे. मेनका से यह भी जानकारी मिली कि उस के पिता सरकारी अस्पताल में कंपाउंडर हैं और मां सरकारी स्कूल में टीचर. बातें करते पता ही नहीं चला और सुबह के 4 बज गए.