मैं मोहब्बत भरा गीत हूं
मुझ को गाओ, महक जाओगे
पंख पंछी गगन नाप कर
चोंच भरभर चहक जाओगे
खुशियों की सांकलें बज उठीं
झोलियां खोल दौड़ो
सभी दुख सकुचाए से हैं खड़े
दिल में जगह दो अभी
पैर के नीचे हो जो धरा
आसमां तक महक जाओगे
दूर रहना बहुत मुझ से तुम
पास आना बहुत सोच कर
मैं तरल हूं बहुत ही सरल
उग्र ज्वाला भरी देह
झेल पाए न मुझ को अगर
बिन मौसम दहक जाओगे.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
(1 साल)
USD48USD10

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
(1 साल)
USD100USD79

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...
सरिता से और