न उदास हो, न हो तू खफा

मेरे साथ चल, मेरे साथिया

तू है चांदनी मेरे बाम की

तू इबादतों का सिला मेरी

थे खिलाफ अपनेपराए सब

बड़ी मुश्किलों से है तू मिली

तू न होना मुझ से कभी जुदा

मेरे साथ चल, मेरे साथिया

यों न देख, मुझ से हटा नजर

कभी मेरे दिल की भी ले खबर

मेरे जिस्म में, मेरी जान में

तेरे ख्वाब चुभते हैं टूट कर

यों खामोश रह के न दे सजा

मेरे साथ चल, मेरे साथ

– आलोक यादव

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