गूंज रहा है गलियों में
नया तराना मुहब्बत का
जवान दिल जो धड़का
बना फसाना मुहब्बत का

इस खुदगर्ज शहर की
फितरत बदलने लगी है
सब दे रहे हैं एकदूसरे को
नजराना मुहब्बत का

कहां दम घुटता था फिजा में
नफरत और जलन से
हर तरफ छलकता है अब
पैमाना मुहब्बत का

शिकायतें कम करते हैं
चेहरे रोशन दिखते हैं उन के
बनाया है जिन्होंने अपने दिल को
आशियाना मुहब्बत का

दौर खत्म हो रहा है
जाम के लिए भटकने का
अब तो नशीली आंखों में बसता है
मयखाना मुहब्बत का

आजकल शहर में गुनाह नहीं होते
दरकार ही किसे है
जब हर कोई लुटाए जा रहा है
खजाना मुहब्बत का

जो मर्ज हुआ करता था
यहां दवा बन चुका है
जिसे देखो वो बन गया है
दीवाना मुहब्बत का

यों तो ये मुहिम
अकेले ही शुरू की थी महिवाल
पर जल्द ही तुम ने बना लिया है
सारा जमाना मुहब्बत का.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...