नेचरलवर होने के साथसाथ आप फ्लाइंग स्पोर्ट्स के भी दीवाने हैं तो मुक्तेश्वर आप के लिए उपयुक्त पर्यटन स्थल है. उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में नैनीताल से लगभग 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुक्तेश्वर में ऊंची, हरीभरी पहाडि़यों और हजारों फुट गहरी खाइयों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. कुहासे से भीगी सड़कें, धुंध के बादलों की अठखेलियां और चेहरे को छूती ठंडी हवाएं, मुक्तेश्वर तक जाने वाले रास्ते की ये ऐसी हवाएं हैं जो आप के सफर को यादगार बना देंगी.

खूबसूरत डगर : यों तो नैनीताल और काठगोदाम से उत्तराखंड परिवहन की बस से मुक्तेश्वर पहुंचा जा सकता है, लेकिन सफर का असली मजा लेना हो तो प्राइवेट टैक्सी या अपने निजी वाहन से यहां जाएं. चीड़, देवदार से लदे पहाड़ों को काट कर बनाया गया रास्ता बेहद घुमावदार है.

फलों के बाग : काठगोदाम या नैनीताल से लगभग 20 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद ही आप को सड़़क के किनारे फलों के बाग दिखने लगेंगे. बाग की देखरेख करने वाले सड़क किनारे ताजे आड़ू, खुबानी और सेब इत्यादि बेचते रहते हैं. कुछ पैसे ले कर ये लोग आप को बाग में घूमने और यहां बिताए यादगार पलों को कैमरे में कैद करने की इजाजत भी दे देते हैं. यकीन मानिए, रसभरी खुबानी और आड़ू के ये बाग घूमने के बाद आगे के सफर के लिए आप का उत्साह दोगुना हो जाएगा.

टी टाइम ब्रैक : मुक्तेश्वर के रास्ते में रोडसाइड ढाबे कम हैं. ज्यादातर ढाबों पर ब्रैकफास्ट, स्नैक्स और चाय के लिए रुका जा सकता है. गरमी के मौसम में इन ढाबों के बाहर एक ‘डू नौट मिस’ खाने की चीज मिलती है और वह है सफेद दानों से भरा भुट्टा. अपना अलग ही स्वाद और मिठास लिए यह भुट्टा आप को जरूर भाएगा. हां, खाने के पहले मोलभाव जरूर कर लें क्योंकि सिर्फ एक भुट्टा खा कर न तो आप का पेट भरेगा और न ही मन. यदि आप नौनवेज खाने के शौकीन हैं और अक्तूबर से नवंबर के बीच मुक्तेश्वर जाने की योजना बना रहे हैं तो यहां के टी पौइंट्स पर मिलने वाला मुरगे का अचार जरूर चख कर देखें.

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