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बिस्तर पर लेटी नेहल की आंखों से नींद उड़ गई. उस से ऐसी गलती कैसे हो गई, किसी अजनबी के फोन को तुरंत काट क्यों नहीं दिया, क्यों उस की बातें सुनती रही, जवाब देती रही. वह उस के कपड़ों को भी नोटिस करता है. जरूर उस के होस्टल के आसपास रहने वाला कोई आवारा है. कल उस के नंबर से पता करना होगा. काफी देर बाद ही वह सो सकी. सुबहसुबह मां के फोन से नींद टूटी थी.

‘‘क्या हुआ, मां, घर में सब ठीक तो हैं?’’ नेहल डर गई थी.

‘‘सब ठीक हैं, तुझ से एक जरूरी बात करनी थी. देख, कुछ दिनों में एक इंद्रनील नाम का लड़का तुझ से मिलने आएगा. तू उस से अच्छी तरह से बात करेगी. उस के बारे में जो जानना चाहे, पूछ लेना. अपना रोब जमाने की कोशिश मत करना.’’

‘‘क्यों मां, क्या मैं किसी से ठीक से बात नहीं करती? वैसे वह मुझ से मिलने क्यों आ रहा है, कहीं तुम ने फिर मेरी शादी का सपना देखना तो शुरू नहीं कर दिया? मुझे अभी शादी नहीं करनी है.’’

‘‘बस नेहल, बहुत हो गया. तू ने कहा था, पढ़ाई पूरी करने के बाद शादी करेगी. तेरा एमए फाइनल 2 महीने बाद पूरा हो जाएगा. अब अगर तू ने मेरी बात नहीं मानी तो मैं तुझ से कभी बात नहीं करूंगी.’’

‘‘ठीक है मां, पर इंद्रनील हैं क्या चीज?’’

‘‘अरे, वह तो हीरा है. ऐसा प्यारा लड़का कि क्या बताऊं. हम से ऐसे मिला मानो बरसों से परिचित है. सब को हंसाना ही जानता है. आस्ट्रेलिया की एक बड़ी कंपनी में सौफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी पर जा रहा है. जाने से पहले उस की मां उस की शादी कर देना चाहती हैं. जब तू उस से मिलेगी तब मेरी बातों की सचाई जान सकेगी, बेटी.’’

‘‘इस का मतलब है कि उस की मां को डर है कहीं वह आस्ट्रेलियन बहू न ले आए.’’

‘‘फिर तू ने अपनी बकवास शुरू कर दी. बस, इतना जान ले अगर तू ने मेरा कहा नहीं माना तो मैं भी तेरी कोई बात नहीं सुनूंगी,’’ इस बार मां का स्वर तीखा था.

‘‘ओके मां, मैं तुम्हारे इंद्रनीलजी से जरूर मिल लूंगी और कोई गलती भी नहीं करूंगी. अब तो खुश? हां, इतने लंबे नाम की जगह उसे कोई छोटा नाम नहीं मिला?’’

‘‘शादी के बाद तू उसे चाहे जिस नाम से पुकार, मुझे कोई लेनादेना नहीं है. अब तेरे कालेज का टाइम हो रहा है, बस, मेरी बातें याद रखना.’’

‘‘भला तुम्हारी बातें कभी भूली हूं मां, बाबा को प्रणाम कहना,’’ फोन रख, नेहल तैयार होने बाथरूम में घुस गई. कौन है यह इंद्रनील जिस ने मां को इस तरह मोह लिया है. वैसे उस को शादी की कोई जल्दी नहीं है, पर मां की बातों ने उस के मन में उत्सुकता जगा दी, जरा देखें तो कौन हैं यह इंद्रनील. पूजा से बातें करने का निर्णय ले नेहल चल दी. मां के फोन की वजह से वह पूजा से कैंटीन में भी नहीं मिल सकी थी. पूजा नेहल का इंतजार कर रही थी.

‘‘क्या हुआ, आज कैंटीन में नहीं आई? कहीं तेरे उस नए आशिक का फोन तो नहीं आ गया था?’’ पूजा के चेहरे पर हंसी थी.

‘‘आया था, रात के 2 बजे, चांद का दीदार कराने, पर सच वह दृश्य बड़ा सुंदर था. नहीं देख पाती तो इतनी सुंदर चांदनी में नहाई प्रकृति को मिस करती. शायद, जनाब को शायरी करने का शौक है. ऐसा लगता है उसे मेरे बारे में बहुतकुछ मालूम है, यहां तक कि मैं कविता लिखती हूं.’’

‘‘तब तो वह तेरा सच्चा आशिक है, नेहल.’’

‘‘सच्चे आशिक को अपना नामपता छिपाने की जरूरत नहीं होती, पूजा. वैसे एक बात है, वह बातें बड़े अंदाज से करता है. पता नहीं कहां से छिप कर मेरे बारे में सारी बातें पता कर लेता है. यहां तक कि मेरे पहने हुए कपड़ों के रंग भी याद रखता है.’’

‘‘सच कह, नेहल, तू उस की बातें एंजौय करती है या नहीं?’’

‘‘जब उस का फोन आता है तब तो गुस्सा आता है, पर बाद में उस की बातों पर हंसी आती है. वैसे, आज तक कभी उस ने कोई अश्लील बात नहीं कही है, जैसे कि अकसर सड़कछाप लड़के कहते हैं.’’

‘‘मुझे तो वह कोई सच्चा प्रेमी लगता है, नेहल. संभल के रहना.’’

‘‘अरे, क्या मुझे पागल समझती है? ये बातें छोड़, आज मां का फोन आया था, मेरी शादी के लिए मुझ से मिलने कोई आने वाला है. समझ में नहीं आ रहा है क्या करूं? पता नहीं मांबाप को बेटियों की शादी की इतनी जल्दी क्यों होती है.’’

‘‘वाह, यह तो गुड न्यूज है. कोई है वह जो हमारी नेहल को ले जाएगा. काश, मेरी शादी यहां आने के पहले ही तय न हो गई होती,’’ पूजा ने आह भरी.

‘‘क्यों? क्या नितिन से कोई शिकायत है या किसी और पर दिल आ गया है?’’

नेहल ने पूजा को छेड़ा.

‘‘अरे नहीं, नितिन तो बहुत अच्छा है. बस, कभी लगता है, मैं प्रेमविवाह करती. शादी के पहले के रोमांस का मजा ही और होता है.’’

‘‘प्रेम शादी के बाद कर लेना. हमारे देश में कितनी लड़कियों को प्रेमविवाह की अनुमति मिलती है. किसी न किसी बात को ले कर, अकसर प्रेम का धागा तोड़ ही दिया जाता है. मेरी एक बात मानेगी पूजा, जब वह मुझ से मिलने आएगा तब तू मेरे साथ रहेगी?’’

‘‘न बाबा, मैं क्यों कबाब में हड्डी बनूं, और हर डिबेट में जीतने वाली नेहल किसी से डरे, असंभव. चल, आज इस खुशी में क्लास छोड़ ही दें, चाट चलेगी?’’

‘‘ठीक है, आज इंद्रनील के नाम पर तेरी ही सही.’’

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