दलालों ने ऐसीऐसी दलीलें दीं कि यदुनंदन साहब को वे सब अपने लिए एक चुनौती से कम न लगीं. अपने आत्मसम्मान के लिए उन्हें अब कुछ कर के दिखाना था.