श्यामाजी की बहू मानसी श्यामाजी की सुखसुविधा का पूरा ध्यान रखती है, उन का पूरा सम्मान करती है फिर भी न जाने क्यों उन का मन छोटीछोटी चीजों के मोहजाल में उलझा रहता था.