‘‘आर्यन, मैं पढ़तेपढ़ते बोर हो गई हूं, चलो न थोड़ी देर के लिए बाहर घूम कर आते हैं.’’ ‘‘नो डियर, कल मेरा एग्जाम है, इसलिए पढ़ाई करनी जरूरी है. परेशान तो मैं भी बहुत हूं, गरमी के कारण पसीने से भीगा हुआ हूं लेकिन कल के टैस्ट में पूरे नंबर लाने हैं. इसलिए ऐक्सक्यूज मी यार. कल टैस्ट हो जाने दे. अब मैं मोबाइल औफ कर रहा हूं.’’

‘‘प्लीज औनलाइन रहो. थोड़ी देर चैटिंग कर के मूड फ्रैश हो जाएगा,’’ इशिता का प्यारा सा चेहरा उस की आंखों के सामने तैर गया था.

‘‘इशी, डिस्टर्ब मत करो. कल शाम को टैस्ट के बाद मिलते हैं?’’

‘‘कहां?’’ इशिता बोली.

‘‘वहीं, सैंटर के गेट पर,’’ आर्यन ने कहा. लिखने के बाद उस ने फोन बंद किया और पढ़ाई में मशगूल हो गया.

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आर्यन और इशिता दोनों कोचिंग कर रहे थे. आर्यन आईआईटी में ऐडमिशन ले कर इंजीनियर बनना चाहता था, तो इशिता पीएमटी की तैयारी कर रही थी. उसे डाक्टर बनना था. उस के मम्मीपापा दोनों डाक्टर थे और शहर में उन का अपना नर्सिंगहोम भी था. वे अपनी बेटी को डाक्टर बना कर नर्सिंगहोम उस के हवाले कर देना चाहते थे.

आर्यन साधारण परिवार से था, उस के पिता बैंक में क्लर्क थे तो मां प्राइवेट ट्यूशन पढ़ा कर घरखर्च चला रही थीं? दोनों ने बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना देखा था, उस के लिए दोनों रातदिन मेहनत करते थे.

आर्यन समझदार लड़का था. वह ईमानदारी से पढ़ाई कर रहा था. उस की एक छोटी बहन भी थी, जिसे वह बहुत प्यार करता था. उस ने भी पिछले वर्ष एंट्रैंस पास कर लिया था, लेकिन प्राइवेट कालेज की महंगी फीस देना उस के मांबाप के लिए संभव नहीं है. इसलिए इस वर्ष उसे हर हाल में आईआईटी में ऐडमिशन के लिए जेईई का टैस्ट पास करना था.

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