मधुप ने बिरूवा के साथ यह सोच कर जिंदगी गुजार दी कि अब पत्नी श्यामला नहीं आएगी. पर बिरूवा के समझाने पर वह श्यामला को मनाने जयपुर गए और बेरंग ही लौट आए.