Hindi Family Story: सबकुछ मिल गया था मोनिका को. अच्छी ससुराल, शुभम जैसा प्यार करने वाला पति. मां से बढ़ कर खयाल रखने वाली वंदना जैसी सास लेकिन कभीकभी इंसान अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मार लेता है. मोनिका ने कुछ ऐसा ही कर डाला.
कई दिनों से देख रही थी वंदना, उस के बेटेबहू शुभम और मोनिका के बीच किसी बात को ले कर अनबन चल रही थी. पता नहीं क्या बात थी कि हरदम दोनों का मूड उखड़ा सा रहता है. उन के बीच बात लड़ाई से शुरू होती तो लड़ाई पर ही खत्म होती थी.
एकदूसरे से इतना प्यार करने वाले ये दोनों अब हर छोटीछोटी बात पर एकदूसरे से उलझ पड़ते थे और अपनी गलती मानने के लिए दोनों ही तैयार न होते. इस कारण झगड़ा ज्यों का त्यों बना रहता. वंदना को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर दोनों लड़ किस बात पर रहे हैं. कुछ पता चले तो समझए भी उन्हें लेकिन फिर सोचती कि यह मियांबीवी के बीच की बात है, वे खुद ही सुलझ लेंगे. लेकिन इन के झगड़े तो दिनप्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे थे.
उस रात फिर दोनों के बीच किसी बात को ले कर बहसबाजी शुरू हो गई. कुछ ही देर में उन की आवाजें इतनी लाउड हो गईं कि वंदना को मजबूरन उन के बीच, बीचबचाव के लिए आना ही पड़ा.
‘‘अरे, क्या हो गया तुम दोनों को, क्यों लड़ रहे हो इस तरह से? बहू, तुम बताओ, क्या हुआ?’’ अपनी बहू मोनिका के करीब जा कर वंदना ने पूछा लेकिन वह यह बोल कर कमरे से बाहर निकल गई कि उस से क्या पूछ रही हैं, अपने बेटे से पूछें न. अपनी बहू के ऐसे रूखे व्यवहार से वंदना हिल गई क्योंकि आज से पहले कभी भी उस ने उस से इस तरह से बात नहीं की थी.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन





