लेखिका-अल्का पांडे
‘इस बात पर इतनी परेशान क्यों हो, मना कर दो. वैसे मुझे लगता है कि तुम कुछ ज्यादा हीएक दिन स्कूल के बाद मानस ने उसे रोक कर कहा, ‘आज तो तुम को मेरे साथ कौफी़ पीने चलना ही होगा.’
निती ने कहा, ‘कोई जबरदस्ती है, मुझे तुम्हारे साथ कौफी पीने नहीं जाना है.’मानस ने कहा, ‘तुम्हें चलना तो पड़ेगा, मेरे फ्रैंड्स ने मुझे चैलेंज किया है कि मैं तुम्हारे साथ कौफी पीने जा कर दिखाऊं.’
‘यह तुम्हारी प्रौब्लम है, मैं क्यों जाऊं?’ कहते हुए वह आगे बढ़ने लगी तो मानस ने उस का हाथ पकड़ लिया. निती को गुस्सा आ गया, उस ने उसे एक झापड़ मार दिया. उस समय स्कूल के और छात्रछात्राएं भी थे. उन के सामने झापड़ खा कर मानस बौखला गया. उस ने धमकी दी, ‘मैं तुम को छोडूंगा नहीं.’
निती आगे बढ़ गई. दूसरे दिन क्लास में जब संजय सर मैथ्स पढ़ा कर बाहर निकले तो क्लास के सब छात्रछात्राएं झुंड बना कर मोबाइल पर वीडियो देखने लगे. निती ने आ कर कहा, ‘तुम लोग क्या देख रहे हो, हम को भी दिखाओ.’
इस पर कुछ छात्र मुंह दबा कर हंसने लगे, कुछ वहां से हट गए. निती को कुछ समझ न आया. उस ने प्रिया के हाथ से मोबाइल ले कर देखा. उस पर उस ने जो देखा, उसे देख कर स्तब्ध रह गई. उसी की गंदीगंदी वीडियो थीं. वह समझ गई कि यह मानस ने ही उस के झापड़ का बदला लेने के लिए उस का झूठा, अश्लील वीडियो बना कर वौयरल किया है. पर वह तो वहां था ही नही, शायद आज स्कूल ही नहीं आया था. निती के मस्तिष्क ने काम करना बंद कर दिया. वह किसी तरह घर आई, तो बदहवास सी अपने कमरे में गई. उस ने आवेश में अपना बस्ता उठा कर फेंक दिया. उस की दृष्टि के सामने अपना वह अश्लील वीडियो तैर रहा था. वह लज्जा से पानपानी हुई जा रही थी. अब वह कैसे किसी से आंख मिलाएगी. सब उस के बारे में क्या सोचेंगे. उस के कहने से कोई मानेगा क्या कि यह वीडियो झूठा है. उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे. तभी उसे चाकू रखा दिख गया. उस ने उठा लिया अपनी हाथ की नस काटने के लिए. वह नहीं जी सकती इतना अपमान ले कर. पर इस से पूर्व कि वह अपनी नस काटती, पता नहीं कैसे मम्मा आ गईं. उस की मनोदशा से अनभिज्ञ उन्होंने कहा, ‘अरे, यह कमरे का क्या हाल बना रखा है तुम ने? इतनी बड़ी हो गई हो पर कभी सामान ठीक से नहीं रखती.’