कहने को तो अंकिता बेटी थी मेरी। मगर मैं चाह कर भी उसे अपना नहीं पा रहा था। सालों से वह मेरी सेवा करती रही, देखभाल करती रही मगर हमारे बीच एक मौन पसरा रहता.