पार्टी जोरों पर थी. सब नशे में मस्त थे. मर्द औरतों के कमर में हाथ डाले झूम रहे थे. राजन भी रघु की पत्नी को नचाने पर तुला था. उधर उस की माशूका मोहिनी शराब परोस रही थी कि तभी गोली चलने की आवाज आई. फिर दूसरी गोली सीधे राजन की माशूका मोहिनी के सीने में जा लगी और वह वहीं ढेर हो कर गिर पड़ी. वहां लोगों में अफरातफरी मच गई. सब अपनी जान बचा कर भागने लगे. लेकिन जब तक वहां पुलिस आती, रघु राजन का रिवौलवर फेंक अपनी पत्नी को ले कर चलता बना. उस ने दस्ताने पहन रखे थे तो उस की उंगलियों के निशान तो मिलेंगे ही नहीं पुलिस को और पुलिस को क्या पता कि वह यहां आया भी था, क्योंकि उस ने तो अपने भेष बदले हुए थे. अपने मन में ही सोच रघु मुसकरा पड़ा. पुलिस आई और मोहिनी के कत्ल के जुर्म में राजन को पकड़ कर ले गई क्योंकि गोली उस की ही रिवौल्वर से चली थी. पता चला कि राजन और मोहिनी में कुछ दिनों से खटपट चल रही थी, तो हो सकता है इसलिए राजन ने उसे अपने रास्ते से हटा दिया हो. यह भी एक सुबूत था.
रघु की एक हिम्मत से कितनी लड़कियों को वापस ज़िंदगी मिल गई और उस दरिंदे को जेल. लेकिन जानता है रघु, यह अंधेरनगरी है जहां हंस दाना चुगता है और कौआ मोती खाता है. राजन नेता का भतीजा और गांव के सरपंच का बेटा है तो वह किसी न किसी तरह बच ही जाएगा. सारे सुबूतों को झुठला कर वह जेल से बाहर आ जाएगा और फिर वही तांडव मचाएगा. लेकिन उसे डर नहीं, जो होगा देखा जाएगा. वैसे भी, बहुत से सुबूत उस के भी हाथ लगे हैं, मौका मिलने पर ताश के पत्ते की तरह इस्तेमाल करेगा वह.