पिता के इंतजार में बैठी अवनी दरवाजे की घंटी बजते ही झट से उठ कर दरवाजा खोलने के लिए भागने ही वाली थी कि पवित्रा ने उसे रोक लिया और कहा, “तुम अपने कमरे में जाओ और जब तक मैं न बुलाऊं, तुम और मंयक बाहर मत आना.