बड़े से बड़े दिग्गज तेज गेंदबाज की स्विंग होती गेंदों का सामना अपने ही तरह के सब से अलग हेलमेट को पहन कर खेलने वाले ‘लिटिल मास्टर’ सुनील गावस्कर गुस्से से तमतमा रहे हैं. भारत की क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके सुनील गावस्कर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से कड़े सुर में सवाल किया है कि इंगलैंड में 6 महीने बाद होने वाले वर्ल्ड कप से पहले शिखर धवन और महेंद्र सिंह धौनी को घरेलू टूर्नामेंटों से बाहर रहने की इजाजत कैसे दी गई?

यह सवाल पूछने की बड़ी अहम वजह यह है कि फिलहाल शिखर धवन भारतीय टेस्ट टीम से बाहर बाहर हैं और ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं, जबकि महेंद्र सिंह चौनी ने 1 नवंबर, 2018 को वेस्टइंडीज के खिलाफ हुई सीरीज के बाद से क्रिकेट नहीं खेला है. उन्हें ऑस्ट्रेलिया में हुई टी20 टीम में नहीं चुना गया था, जबकि वे साल 2014 में ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं. वे सिर्फ वनडे टीम का हिस्सा हैं.

सुनील गावस्कर ने एक मीडिया हाउस से बात करते हुए कहा, ‘हमें धवन और धोनी से नहीं पूछना चाहिए कि वे घरेलू क्रिकेट क्यों नहीं खेल रहे हैं बल्कि हमें बीसीसीआई और चयनकर्ताओं से पूछना चाहिए कि उन्होंने खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट नहीं खेलने की इजाजत कैसे दी जबकि वे देश के लिए नहीं खेल रहे हैं?’

उन्होंने आगे कहा, ‘अगर भारतीय टीम को अच्छा खेलना है तो खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा… ‘धौनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज नहीं खेली. उस के पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज में भी वे टीम में नहीं हैं. उन्होंने आखिरी मैच 1 नवंबर को खेला था और अगला मैच जनवरी में खेलेंगे. वर्ल्ड कप टीम में उन की जगह को ले कर और सवाल उठेंगे.’

सुनील गावस्कर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘उम्र के साथ खेल में बदलाव आता है. अगर आप घरेलू स्तर पर ही क्रिकेट खेलते रहें, तो कैरियर का विस्तार करने में मदद मिलती है और अभ्यास भी हो जाता है.’

सुनील गावस्कर की यह सलाह बेवजह की नहीं है क्योंकि अभी भारत में घरेलू स्तर पर रणजी मैच खेले जा रहे हैं जो इन दोनों बल्लेबाजों के लिए अपनी फॉर्म को बनाए रखने के लिए मददगार साबित हो सकते हैं. इन के टीम में आने से इन के साथी खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा और यह जो प्रथा सी बनती जा रही है कि अगर आप स्टार खिलाड़ी हैं तो घरेलू मैच नहीं खेलेंगे या किसी तरह खेलने से बच जाएंगे, उस पर भी रोक लगेगी.

इस बारे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को सख्त कदम उठाने चाहिए क्योंकि खिलाड़ियों से ज्यादा बड़ी गलती तो बोर्ड की है जो न जाने किस वजह से उन्हें इतनी छूट देता है.

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