90 के दशक में पाकिस्तान के लिए वनडे में एंट्री करने वाले औलराऊंडर अमीर हनीफ को बड़ा झटका लगा है. उनके 18 साल के बेटे मोहम्मद जारयाब ने बीते दिन फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि जारयाब का कराची अंडर-19 क्रिकेट टीम में चयन नहीं हुआ था. इस कारण वह डिप्रेशन में आ गया और आखिरकार उसने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया.

खबर के अनुसार जरयाब ने जनवरी में लाहौर में अंडर 19 टूर्नामेंट में कराची का प्रतिनिधित्व किया था जहां से चोट के कारण उसे घर भेज दिया गया था. जरयाब ने इस कदम का विरोध किया था लेकिन उसे आश्वासन दिया गया कि उसे दोबारा चुना जाएगा. हालांकि बाद में उसे यह कहकर हटा दिया गया कि उसकी उम्र अधिक है.

जारयाब के पिता हनीफ ने कहा है कि उनका बेटा अंडर-19 क्रिकेट में खेल चुका है. वह अच्छा प्रदर्शन कर रहा था. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि मात्र एक टीम में न चुने जाने पर वह इतना हताश हो जाएगा कि खुद को खत्म कर लेगा. उन्होंने कहा, ‘मेरे बेटे पर दबाव बनाया गया, उसे कहा गया था कि वह अधिक उम्र का है. उसके प्रति कोचों के बर्ताव ने उसे ऐसा करने के लिए बाध्य किया.

जारयाब हनीफ का सबसे बड़ा बेटा था और कौलेज में प्रथम वर्ष का छात्र था. पढ़ाई के साथ क्रिकेट को भी वह बराबर समय देता था. उसने कई बार अपने प्रदर्शन से चौंकाया लेकिन उसके अंतिम प्रदर्शन ने उन्हें झकझोंर दिया है. यह ऐसा घाटा है जो कभी पूरा नहीं हो पाएगा. बेटे की मौत के बाद हनीफ ने पाकिस्तानी कोचों को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि कोचों का खिलाडिय़ों के प्रति रवैया ठीक नहीं है. वह इसके खिलाफ कदम उठाने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह अपना बेटा खो चुके हैं, नहीं चाहते हैं कि कोई दूसरा भी अपना बेटा खोए.

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