ऋषभ पंत भले आज तक दो ही अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हों मगर आईपीएल के जरिए क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ने वाले इस खिलाड़ी की तुलना आज महेंद्र सिंह धोनी से होती है. दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से खेलने वाले पंत ने 24 आईपीएल मैचों में 2 बार नाबाद रहते हुए 151.21 की स्ट्राइक के साथ 564 रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने सर्वश्रेष्ठ 97 रन समेत 3 अर्धशतक भी जड़े हैं. मगर क्या आप जानते हैं कि इस खिलाड़ी ने अपने शुरुआती दिनों में बेहद स्ट्रगल किया है. आलम ये था कि कभी इस क्रिकेटर के पास खाने तक को पैसे नहीं हुआ करते थे.
रुड़की में रहने वाला पंत का परिवार उन्हें दिल्ली क्रिकेट की टौप एकेडमी में भर्ती कराना चाहता था. ऋषभ के कोच देवेंद्र शर्मा के मुताबिक, 6-7 साल पहले एक कैंप में पंत के पिता ने दोनों को मिलाया था. पंत को दिल्ली में कोचिंग लेनी थी, इसलिए वह अपनी मां के साथ राजधानी आ गए. मगर उनके पास रहने की कोई जगह नहीं थी और ना ही खर्च करने को ज्यादा पैसे. इसलिए मोती बाग गुरुद्वारा में मां-बेटे रहते थे.
बेटा जहां पिता के सपनों को पूरा करने में जी-जान से जुटा था, वहीं मां गुरुद्वारे में सेवा किया करती थी. उसी दौर में पंत ने एक अंडर-12 टूर्नामेंट में तीन शानदार शतक जड़े और प्लेयर औफ द टूर्नामेंट का खिताब हासिल किया. इसके बाद जल्द ही उन्हें दिल्ली कैंट के एयरफोर्स स्कूल में दाखिला मिल गया. फिर ऋषभ ने पीछे मुछ़कर नहीं देखा. अंडर-19 वर्ल्ड कप 2016 में नेपाल के खिलाफ 18 गेंदों में हाफ सेंचुरी जड़कर नया रिकौर्ड बना दिया था.
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