Indian Tennis : यह ठीक है कि लौन टेनिस पैसे वालों और अभिजात्यों का खेल है लेकिन याद यह भी रखा जाना चाहिए कि कभी क्रिकेट के भी यही हाल थे पर जैसे ही गली कूचों में यह खेला जाने लगा तो सभी वर्गों की भागीदारी इस में बढ़ी और आमदनी में हिस्सेदारी भी बढ़ी. क्यों लौन टेनिस में ऐसा होना मुमकिन नहीं दिख रहा.
6 और 7 अगस्त को न्यूयौर्क सिटी का लगभग 23 हजार दर्शकों की क्षमता वाला आर्थर एश स्टेडियम ठसाठस भरा था. लौन टेनिस की सब से अहम प्रतिस्पर्धा यूएस ओपन को देखने दर्शकों ने सब से सस्ता 28,303 रुपए का टिकिट भी ख़रीदा था और सब से महंगा 14 लाख रुपए से भी ज्यादा का भी लिया था जो लौन टेनिस और खासतौर से इस प्रतिस्पर्धा के प्रति अमेरिकियों के जूनून को भी दिखाता है.
विमेंस फाइनल 6 अगस्त को खेला गया था जिस में अमेरिका की अमांडा अनीसिमोवा का मुकाबला बेलारूस की तेजतर्रार आर्यना सबालेंका से था. इस कड़े मुकाबले में सबालेंका ने अनिसिमोवा को 6-3 7-6 ( 7-3 ) से शिकस्त देते लगातार दूसरी बार यह ख़िताब और 44 करोड़ रुपए की इनामी राशि दोनों अपने नाम कर लिए.
पहले सेट में जो मुकाबला उबाऊ और एकतरफा रहा था, दूसरे सेट में रोमांचक मोड़ पर पहुंचा था जिस में सबालेंका के सामने असहाय नजर आ रहीं अनिसिमोवा को दर्शकों का लगातार प्रोत्साहन मिल रहा था. अमेरिकी दर्शक किसी भी सूरत में उन्हें जीतते देखना चाह रहे थे. दूसरे सेट में स्कोर जब 6 - 6 की बराबरी पर आया तब ऐसा लग भी रहा था कि अनिसिमोवा को घरेलू माहौल का फायदा मिल रहा है. लेकिन हिम्मत न हारते हुए टाई ब्रेकर में सबालेंका ने न केवल अनिसिमोवा की सर्विस कई बार ब्रेक की बल्कि अपने तेज शौट्स के आगे भी उन्हें कोर्ट में दाएंबाएं नचाते हारने को मजबूर कर दिया.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन