पूर्व भारतीय कप्तान व विकेकीपर महेंद्र सिंह धोनी विकेट के पीछे से विरोधी टीम के बल्लेबाजों को गेंद पकड़ने के बाद स्टंप उड़ाने का झूठा नाटक कर डराते थे. लेकिन अब ऐसा करना एमएस धोनी के लिए मुसीबत बन सकता है.

आईसीसी ने 28 सितंबर से क्रिकेट के कई नियमों में बदलाव कर दिया है. ‘फेक फील्डिंग’ से जुड़ा एक नया नियम 41.5 आया है जिस पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है. इस नियम की वजह से आस्ट्रेलिया के एक घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट में एक क्रिकेटर पर पेनल्टी लगाई जा चुकी है.

धोनी को भी कई बार ऐसे करते हुए देखा गया है कि वे फील्डिंग के समय गेंद को पकड़कर स्टंप में थ्रो करने का दिखावा करते हैं. अगर आईसीसी का यह नियम पूरी तरह से लागू हो जाता है तो धोनी के लिए यह मुसीबत का कारण बन सकता है.

क्या है फेक फील्डिंग

‘फेक फील्डिंग’ से जुड़ा आईसीसी का नया नियम 41.5 कहता है, “बल्लेबाज द्वारा गेंद खेले जाने के बाद, ‘फील्डर द्वारा जानबूझकर, शाब्दिक या क्रियात्मक रूप से, बल्लेबाज का ध्यान भटकाना या उसके लिए बाधा उत्पन्न करना नियम विरुद्ध माना जाएगा.” यदि मैदानी अंपायर तय करते हैं कि ऐसा अवरोध जानबूझकर किया गया है तो बल्लेबाजी करने वाली टीम को 5 रन दिए जा सकते हैं.

पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने इस नियम पर आईसीसी पर आपत्ति जताई. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट करके आईसीसी से इस नियम पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया.

संजय मांजरेकर ने ट्वीट के जरिए कहा, ‘फेक फील्डिंग के लिए पांच पेनल्टी रन देना अभी लागू हुए क्रिकेट के नए नियमों में सबसे हास्यास्पद है. आईसीसी से इस पर फिर से विचार करने का आग्रह करता हूं.’

मांजरेकर ने आगे कहा, ‘बल्लेबाजी करने वाले टीम पर भी 5 रन की पेनल्टी लगाना कैसा रहेगा, यदि कोई बल्लेबाज फेक स्टेप आउट करने की कोशिश करता है. क्या ये गेंदबाज को भ्रमित करना नहीं होगा. फेक फील्डिंग ला को हटाना चाहिए.’

हालांकि पत्रकार और आईसीसी के पूर्व मीडिया हेड ब्रायन मुर्गत्रोयोड ने मांजरेकर को जवाब देते हुए लिखा, “ध्यान रखें कि ये एक नियम है, जिसे एमसीसी (मेलबर्न क्रिकेट क्लब) लेकर आया था और फिर आईसीसी ने भी इसे लागू किया. मुझे ये पसंद है, जब प्लेयर मैच में चीटिंग की कोशिश करता है.”

इस पर मांजरेकर ने जवाब देते हुए धोनी का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “चीटिंग? नहीं ये ट्रिक होती है. जैसे धोनी गेंद पकड़कर उसे स्टम्प्स पर थ्रो करने का दिखावा करते हैं. ये सराहनीय है, ना कि इस पर पेनल्टी लगनी चाहिए.”

हालांकि मांजरेकर ने स्पष्ट किया ये मेरे निजी विचार हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मैंने आईसीसी को भी लिखा है. अब देखना है कि आईसीसी इस मांजरेकर के पत्र का क्या जवाब देती है.

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