लाइफटाइम बैन का सामना कर रहे पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया की नवाज शरीफ सरकार इसलिए मदद नहीं कर रही क्योंकि वे हिंदू हैं. पाकिस्तान की पार्लियामेंट यानी नेशनल असेंबली की एक कमेटी के मेंबर्स ने ही यह खुलासा किया है.

बता दें कि कनेरिया पर मई 2010 में इंग्लैंड के काउंटी क्रिकेट में स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगा था. इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने जून 2012 में उन पर बैन लगाया. इस फैसले पर पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और फिर आईसीसी ने मुहर लगा दी. तब से उन पर लाइफटाइम बैन है. वे बीसीसीआई से भी मदद की अपील कर चुके हैं.

क्या कहना है इस कमेटी का

पाकिस्तान मुस्लिम लीग के सांसद रमेश कुमार वंकवानी ने इंटर स्टेट को-ऑर्डिनेशन से जुड़ी नेशनल असेंबली की स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में कहा कि "पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड दानिश प्रभाशंकर कनेरिया को फाइनेंशियल और कानूनी मदद नहीं दे रहा है, क्योंकि वे हिंदू कम्युनिटी से हैं."

इस कमेटी के चेयरमैन पख्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी के अब्दुल कहार खान वदान हैं. उनकी बुलाई मीटिंग में पीसीबी के फाइनेंशियल मामलों और नेशनल क्रिकेट टीम की परफॉर्मेंस समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई.

सांसद रमेश ने कहा कि "कनेरिया की मदद देश के दूसरे क्रिकेटर की तरह नहीं की जा रही है."

कमेटी के एक और मेंबर इकबाल मुहम्मद अली ने भी कहा कि "कनेरिया के पास पैसे नहीं हैं और वे खुद अपना केस नहीं लड़ सकता है. ऐसे में, पीसीबी को मदद करनी चाहिए."

पीसीबी ने कहा, हम कुछ नहीं कर सकते

पीसीबी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुभान अहमद ने कहा "आईसीसी के एंटी करप्शन कोड के तहत पीसीबी कनेरिया को किसी भी तरह से मदद नहीं दे सकती. अगर किसी बोर्ड ने किसी प्लेयर पर बैन लगाया है तो आईसीसी के नियमों के मुताबिक सभी बोर्ड को यह मानना पड़ता है. पीसीबी भी ऐसा ही कर रहा है."

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