भारत और पाकिस्तान के बीच कई यादगार मैचों का हिस्सा रह चुके पूर्व ओपनर वीरेन्द्र सहवाग का पसंदीदा मुकाबला 2007 ट्वंटी-20 विश्व कप का वो मैच है, जिसका फैसला टाई रहने के बाद बॉल आउट में हुआ था. पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबलों को याद करते हुए कहा कि जब उन्होंने वर्ष 1999 में अपना पहला मैच खेला था, तो शाहिद अफरीदी ने अपशब्दों से उनका स्वागत किया था.

ऐसे ही कुछ अन्य रोचक किस्से सहवाग ने साझा किए. सहवाग ने कहा कि 1999 में अपने पहले मैच में पाक खिलाडि़यों द्वारा की गई छींटाकशी को वे नहीं भुला सकते. उन्होंने कहा, पहले मैच में मैं एक रन पर आउट हो गया था. इस दौरान पहली बार मुझे भारत-पाक मुकाबले के तनाव का अहसास हुआ. मैं सातवें नम्बर पर बल्लेबाजी को उतरा था और इमरान नजीर व शाहिद अफरीदी ने लगातार गालियां देकर मेरा स्वागत किया. शोएब अख्तर ने मुझे आउट किया और उन्होंने भी मुझ पर ताना मारने का मौका नहीं गंवाया क्योंकि मैं उसकी पहली गेंद पर आउट हो गया था.

हालांकि सहवाग ने कहा कि मौका मिलने पर मैंने भी उन पर ताने कसे, लेकिन हमारी भाषा उनसे सभ्य होती है. भारतीय अपशब्द कहने के बजाय खेल पर अधिक ध्यान देते हैं. 2007 ट्वंटी-20 विश्व कप के ग्रुप मैच को याद करते हुए सहवाग ने कहा, वह मेरा सबसे यादगार मुकाबला है. मैच टाई रहा था और उसका फैसला बॉलआउट से होना था. हमने मुकाबले से पहले इसका अभ्यास किया था, जहां रोबिन उथप्पा, हरभजन सिंह व मैंने सबसे ज्यादा बार स्टंप को हिट किया था. इसलिए मैंने ही कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी से कहा था कि बॉलआउट में पहली गेंद मैं करूंगा. मुझे खुद पर पूरा भरोसा था. उथप्पा व भज्जी ने भी मौका भुनाया और हम मैच जीत गए वो भी अनोखे अंदाज में.

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