ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच वनडे मैचों की सीरीज का आगाज टीम इंडिया के लिए बेहद खराब रहा. पर्थ वनडे में ऑस्ट्रेलिया के हाथों टीम इंडिया को पांच विकेट से करारी हार मिली. 309 रन बनाने के बाद टीम इंडिया अपने बड़े लक्ष्य का बचाव नहीं कर पाई. टीम इंडिया की हार की सबसे बड़ी वजह बनी अंपायर का एक गलत फैसला.

सरन ने ऑस्ट्रेलिया के दोनों ओपनर को पवेलियन भेज कर टीम इंडिया को शानदार शुरुआत दिलाई लेकिन अगली ही गेंद पर जॉर्ज बेली को अंपायर ने जीवनदान दे दिया. रिप्ले में साफ दिखा रहा था कि गेंद बेली के गलब्स पर लगी थी.

बेली को जब अंपायर ने नॉट आउट दिया तब वो शून्य पर थे इसके बाद बेली ने 112 रन की पारी खेली. अंपायर के गलत फैसले के बावजूद अगर मैच में भारत ने DRS लिया होता तो ये बेली आउट हो सकते थे.

DRS (DECISION REVIEW SYSTEM) जहां रिप्ले और TECH की मदद से थर्ड अंपायर गलत फैसलों को सुधार सकता है. भारत हमेशा से DRS के खिलाफ रहा है. पर्थ में भी भारत को DRS के साथ ना खेलने का खामियाजा भुगतना पड़ा. अब भी धोनी का यही कहना है कि वो DRS से पूरी तरह सहमत नहीं हैं. यानी जो पर्थ में हुआ वो फिर टीम इंडिया पर भारी पड़ सकता है.

ऑस्ट्रेलिया के एक पत्रकार ने जब धोनी से पूछा कि क्या 50-50 वाले फैसलों को लेकर अंपायर भारत को सजा दे रहे हैं तो धोनी ने कहा, ‘‘मैं आपसे सहमत हो सकता हूं. ’’ उन्होंने कहा कि यदि तब तीसरा विकेट निकल गया होता तो मैच की स्थिति बदल सकती थी लेकिन इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि वह चाहते हैं कि अंपायर अधिक से अधिक सही फैसले दें.

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