भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई 5 टेस्ट मैचों की सीरीज को भारत ने 4-0 से जीत कर शानदार अंजाम दिया. चेन्नई में इंग्लैंड को एक पारी और 75 रन से हराकर टीम इंडिया ने सीरीज तो जीती ही, कई रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिए हैं.
इंग्लैंड पर भारतीय टीम की क्रिकेट इतिहास की ये सबसे बड़ी जीत है. विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रही है. कोहली की कप्तानी में भारत की ये लगातार पांचवीं टेस्ट सीरीज जीत है.
टेस्ट क्रिकेट में भारत ने बनाया सर्वोच्च स्कोर
इस टेस्ट मैच में भारत ने अपने सर्वोच्च स्कोर का नया कीर्तिमान रचा. भारत अपनी पहली पारी को 759/7 पर घोषित किया. यह टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से बनाया गया सर्वाधिक स्कोर है. इससे पहले टेस्ट क्रिकेट में भारत का सर्वोच्च स्कोर 726 रन था, जो उसने 2009 में श्रीलंका के खिलाफ बनाए थे.
दूसरी बार 4 टेस्ट जीत कर सीरीज जीती
ऐसा दूसरी बार है, जब भारतीय टीम ने किसी टेस्ट सीरीज के 4 टेस्ट मैचों को जीतकर सीरीज अपने नाम की है. इससे पहले 2012-13 में ऑस्ट्रेलिया से बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के चारों टेस्ट मैच जीतकर अपने नाम किया था और इस बार 2016 में इंग्लैंड से यह 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में 4-0 से जीत दर्ज की है.
कोहली ने की गावस्कर की बराबरी
लगातार 18 टेस्ट मैचों से भारत ने कोई मैच नहीं गंवाया है. इस रेकॉर्ड से विराट कपिल देव से आगे निकल गए हैं और उन्होंने पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर की बराबरी कर ली है. गवास्कर ने भी 1976-80 के बीच लगातार 18 टेस्ट मैचों में एक भी मैच में हार का मुंह नहीं देखा था. वहीं कपिल देव की अगुआई में टीम 17 टेस्ट मैचों तक एक भी मैच हारी नहीं थी.
जडेजा बने बेस्ट, मैच में लिए 10 विकेट
रवींद्र जाडेजा (48/7) के करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बल पर भारत ने इंग्लैंड की दूसरी पारी 207 रनों पर समेट दिया. इस मैच में जाडेजा ने कुल 10 विकेट अपने नाम किए. यह पहला मौका है, जब जाडेजा ने किसी मैच में 10 विकेट अपने नाम किए हों.
पहली पारी में उन्होंने 3 विकेट लिए थे, तो इंग्लैंड की दूसरी पारी में जड्डू काल बन कर आए. उन्होंने 7 बल्लेबाजों को पविलियन भेजकर इंग्लिश बैटिंग ऑर्डर की कमर ही तोड़ दी. जाडेजा ने सीरीज में पहली बार 5 या उससे अधिक विकेट लिए.
इसके अलावा जड्डू ने बैटिंग करते हुए 51 रन का योगदान दिया. जाडेजा का योगदान यहीं नहीं रुका. उन्होंने इस मैच में लंबी दूरी तक पीछे दौड़कर जॉनी बेयरस्टो का शानदार कैच भी लपका. इस कैच को देखकर कपिल देव के उस कैच की याद आ गई, जब उन्होंने 1983 के विश्व कप फाइनल में विव रिचर्ड का कैच पकड़ा था.
जाडेजा ने कुक को 6 बार किया आउट
लेफ्टआर्म स्पिन गेंदबाज रवींद्र जाडेजा इस सीरीज में इंग्लैंड के कप्तान ऐलेस्टर कुक के पीछे हाथ धोकर पड़ गए. इस सीरीज में कुक द्वारा खेली गईं 10 पारियों में से 6 बार उन्हें जाडेजा ने ही आउट किया. इस प्रदर्शन के बाद जाडेजा भारत की ओर से पहले ऐसे बोलर बन गए हैं, जिसने किसी एक सीरीज में एक ही बल्लेबाज को सबसे ज्यादा बार आउट किया है.
करुण ने किया कमाल
अपने करियर का तीसरा टेस्ट मैच खेल रहे करुण ने इस टेस्ट मैच में पहली बार शतक जमाया. इस शतक को उन्होंने तिहरे शतक में बदलकर विराट शतक में बदल दिया. अपने पहले ही शतक तो तिहरे शतक में बदलने वाले वह पहले भारतीय बल्लेबाज बने और ऐसा करने वाले वह दुनिया के तीसरे बैट्समैन हैं.
करुण से पहले वेस्ट इंडीज के सर गैरी सोबर्स और ऑस्ट्रेलिया के पेट सिम्पसन ऐसा कारनामा कर चुके हैं, जिन्होंने पहले ही शतक को तिहरे शतक में बदला था. करुण की इस शानदार पारी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया.
विराट बनें कोहली
इस सीरीज में दो शतक और दो अर्धशतक लगाने वाले भारतीय कप्तान विराट कोहली को प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब मिला. इस सीरीज में विराट ने अपने टेस्ट करियर का बेस्ट स्कोर 235 भी बनाया. इसके अलावा उन्होंने इस सीरीज में कुल 655 रन बनाए.
इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 60.87 का रहा. इस दौरे से पहले विराट का इंग्लैंड के खिलाफ करीब 20 का औसत था, लेकिन अब विराट ने इसमें जबरदस्त सुधार कर लिया है. इस सीरीज से पहले उनका करियर औसत 44 के करीब था, जिसे बढ़ाकर अब वह 50 तक ले गए हैं.
पहली पारी में 477 बनाने के बाद सबसे बड़ी हार
इंग्लैंड की टीम ने इस टेस्ट की पहली पारी में 477 रन का बड़ा स्कोर बनाया था. इसके बावजूद इंग्लैंड इस मैच को पारी और 75 रन से हार गया. यह टेस्ट क्रिकेट में पहली पारी में 400 से अधिक रन बनाने के बाद सबसे बड़ी हार है. इससे पहले भी यह रेकॉर्ड इंग्लैंड के ही नाम था.
जब 2001 में इंग्लैंड ने श्रीलंका के खिलाफ पहली पारी में 432 रन बनाए थे. इसके बावजूद इंग्लिश टीम पारी और 25 रन से हार गई थी. ऐसा 6 ही बार हुआ है, जब किसी टीम ने पहली पारी में 400 से अधिक का स्कोर खड़ा किया और इसके बावजूद वह पारी से हार गई. इन 6 में से 4 बार इंग्लैंड की टीम हारी है.
4-0 से इंग्लैंड की हार
यह दूसरी बार है, जब इंग्लैंड की टीम ने किसी सीरीज को 4-0 से गंवाया है. इससे पहले 2012-13 में ऐशेज ट्रॉफी में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया से वह सीरीज 4-0 से गंवाई थी.
कैलेंडर ईयर में कोहली की कप्तानी में नौवीं जीत
टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज और कप्तान विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने एक कैलेंडर ईयर में रिकॉर्ड नौवीं जीत दर्ज की है. इस साल कोहली की कप्तानी में भारत ने 12 टेस्ट मैच खेले जिनमें 9 जीते और तीन ड्रॉ रहे. इसके बाद नंबर महेंद्र सिंह धोनी का आता है. धोनी की कप्तानी में साल 2010 में भारत ने 13 टेस्ट खेले थे. जिनमें सात में जीत, तीन में हार और तीन मुकाबले ड्रॉ रहे थे.
टीम इंडिया का लगातार 18 मैच न हारने का रिकॉर्ड
इस मुकाबले में जीत हासिल कर भारतीय टीम ने एक खास रिकॉर्ड भी बनाया है. कोहली की टीम ने अपनी जीतने की लय के रिकॉर्ड को 18 मैच तक बढ़ा दिया है और उन्होंने पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली है.
गावस्कर की कप्तानी में भारत ने 24 जनवरी 1976 से लेकर 20 जनवरी 1980 तक 18 टेस्ट मैच खेले थे. जिनमें से एक में भी हार नहीं मिली थी. गावस्कर की कप्तानी में भारत ने 18 टेस्ट में से छह में जीत दर्ज की थी और 12 ड्रॉ रहे थे.
इंग्लैंड के खिलाफ पहली सीरीज जीतने में भारत को लगे थे 30 साल
इस सीरीज को मिलाकर भारत और इंग्लैंड के बीच अब तक 32 सीरीज खेली जा चुकी हैं, जिनमें से 18 सीरीज में इंग्लैंड जीती हैं, जबकि 10 सीरीज में टीम इंडिया, वहीं चार सीरीज ड्रॉ रही हैं. दोनों टीमों के बीच पहली टेस्ट सीरीज 1932 में हुई थी, जिसमे इंग्लैंड को जीत मिली थी.
इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीतने के लिए भारत को 30 साल लगे थे. इंग्लैंड के खिलाफ भारत ने पहली टेस्ट सीरीज नरी कॉन्ट्रेक्टर की कप्तानी में 1962 में जीती थी. दोनों टीमों के बीच खेली गई पांच मैचों की इस टेस्ट सीरीज को भारत ने 2-0 से जीता था.