ग्रीन पार्क स्टेडियम में होने वाले भारत के 500वें टेस्ट को और रोचक बनाने के लिए भारतीय टेस्ट इतिहास में पहली बार स्पाइडर कैम का उपयोग किया जाएगा. बीसीसीआई पहली बार आधिकारिक तौर पर देश में होने वाले टेस्ट मैच में इसके इस्तेमाल की इजाजत दे रहा है.

अभी तक प्रसारणकर्ता इसका इस्तेमाल वनडे, इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) और टी-20 मुकाबलों में करते रहे हैं. स्पाइडर कैम को कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में लगाया गया.

इसको थोड़ा ऊंचा लगाया जाएगा, जिससे मैच के दौरान गेंद कैमरे में न लड़े. इस साल जनवरी में सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें वनडे में भारतीय टीम 331 रनों का पीछा कर रही थी. इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज जॉन हेस्टिंग्स की गेंद पर विराट कोहली ने अपर कट मारा और गेंद स्पाइडर कैम में जा लगी. अंपायर ने इस गेंद को डेड बॉल घोषित कर दिया.

इस मैच को भले ही टीम इंडिया जीत गई थी लेकिन मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा था कि वह चार रन किसी भी टीम के लिए खतरनाक साबित हो सकते थे. अगर वह गेंद स्पाइडर कैम में नहीं लड़ती तो चौका जाता. इससे मैच की तस्वीर बदल सकती थी.

उन्होंने कहा था कि जो भी चीज क्रिकेट को डिस्टर्ब करती है वह मुझे पसंद नहीं आती. यह सब टी-20 के बाद शुरू हुआ है, जिसमें लोग पूछते हैं कि आप माइक क्यों नहीं लगाते? आप कैमरा क्यों नहीं लगाते?

मुझे लगता है कि हर चीज में संतुलन बरतने की दरकार होती है. यह बात ठीक है कि लोग टेलीविजन पर क्रिकेट देखते हैं लेकिन मैच के दौरान चार रनों का बहुत महत्व होता है. खास तौर पर जब कोई टीम 310-320 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही हो.

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