डोपिंग को लेकर रूस अब एक और नई मुश्किल में फंस गया है. रूसी एथलीटों के रियो 2016 पैरालंपिक में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. रूस के लिए यह एक और करारा झटका है. इससे पहले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में भाग लेने के लिए उसकी ट्रैक एंड फील्ड टीम और वेटलिफ्टरों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

यह फैसला विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की रूस की पैरालम्पिक टीम को खेलों से प्रतिबंधित करने की सलाह के बाद लिया गया है. पैरालम्पिक खेलों का आयोजन सात सितंबर से 18 सितंबर तक ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरियो में किया जाएगा.

अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आइपीसी) ने मैकलारेन रिपोर्ट के आधार पर ये प्रतिबंध लगाया है. पिछले महीने प्रकाशित हुई इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि रूस में सरकार की मदद से डोपिंग हुई थी.

आइपीसी के अध्यक्ष सर फिलिप क्रेविन ने कहा, 'रूस में एंटी डोपिंग सिस्टम भ्रष्ट हो गया है और पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. इसके चलते रूसी पैरालंपिक समिति को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है.' हालांकि मैकलारेन की रिपार्ट उजागर होने के बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) ने रियो ओलंपिक के लिए सभी रूसी एथलीटों पर प्रतिबंध नही लगाने का फैसला लिया था.

आइपीसी के इस फैसले को रूस जेनेवा स्थित कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फार स्पोर्ट (खेल पंचाट) में चुनौती देगा. रूस के खेल मंत्री विताली मुतको ने यह जानकारी दी.

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