हीना पंडित बड़ी हो कर डैंटिस्ट बनना चाहती थी. अपने सपने को साकार करने के लिए उस ने बाकायदा डैंटल सर्जरी (बीडीएस) में डिग्री भी ली, लेकिन जब कैरियर बनाने की बात आई तो उसे दरकिनार करते हुए उस ने हाथों में पिस्टल थाम ली. उस के मन में कुछ करने का जनून था. उस की कड़ी मेहनत रंग लाई और वह दुनिया के दिग्गज पिस्टल निशानेबाजों की छुट्टी करते हुए विश्व चैंपियन बन गई. हीना भारत की पहली निशानेबाज है, जिस ने वर्ल्डकप 2013 में स्वर्ण पदक जीता और 2014 में दुनिया की शीर्ष रैंकिंग हासिल की. अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में वह अपने प्रदर्शन में जिस तरह का निखार ला रही है, उस ने इस साल ब्राजील के रियो शहर में होने वाले ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीदें जगा दी हैं.

हीना ने जनवरी में एशियाई ओलंपिक क्वालिफायर चैंपियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीत कर रियो के लिए क्वालिफाई किया है. उसे निशानेबाजी विरासत में मिली है. पिता राजवीर सिंह और भाई कर्णवीर सिंह दोनों राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज रह चुके हैं. ससुराल में भी निशानेबाजी का माहौल है. पति रौनक पंडित और ससुर अशोक पंडित दोनों अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज रहे हैं. उन का अनुभव भी हीना के प्रदर्शन में काम आ रहा है.

पंजाब से ताल्लुक रखने वाली हीना 2013 से शादी के बाद मुंबई में रह कर अपने अभियान को आगे बढ़ा रही है. पति रौनक पंडित हीना के प्रशिक्षक हैं. वर्ष 2014 में देश के सर्वश्रेष्ठ खेल पुरस्कार अर्जुन अवार्ड से सम्मानित हीना पिछले दिनों एक कार्यक्रम के सिलसिले में राजधानी दिल्ली आई थी. प्रस्तुत हैं उस दौरान उस से हुई बातचीत के प्रमुख अंश:

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