डोप टेस्ट में फेल होने के कारण रियो ओलंपिक में भाग लेने नहीं जा सके हरियाणा के फर्राटा धावक धर्मवीर सिंह पर राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) ने आठ साल का प्रतिबंध लगाया है. इस प्रतिबंध के साथ ही धर्मवीर का करियर अब खत्म हो गया है.
200 मीटर के धावक धर्मवीर को बंगलुरु में 11 जुलाई को इंडियन ग्रां प्रि के दौरान डोप टेस्ट में पाजीटिव पाए गए थे. दूसरी बार डोपिंग में पकड़े जाने के कारण नाडा की डोपिंग निरोधक अनुशासन समिति ने उन्हें आठ साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया.
नाडा के शीर्ष सूत्र ने बताया, ‘धर्मवीर पर आठ साल का प्रतिबंध लगाया गया है. चूंकि यह उसका दूसरा अपराध था. नाडा ने इसकी सूचना इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (आइएएएफ) और वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) को दे दी है.’
इससे पहले 2012 में अनिवार्य डोप टेस्ट नहीं देने के कारण 27 वर्षीय धर्मवीर से राष्ट्रीय अंतर प्रांत चैंपियनशिप में जीता 100 मीटर का स्वर्ण पदक छीन लिया गया था. धर्मवीर ने इंडियन ग्रां प्रि में 200 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ 20.45 सेकेंड का समय निकाला था. इससे शक की सुई उन पर घूमने लगी थी, क्योंकि उनका प्रदर्शन पिछले कुछ अर्से से अच्छा नहीं था. उन्होंने राष्ट्रीय शिविर की बजाय रोहतक में अपने कोच के साथ अभ्यास किया था.
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