आईसीसी महिला विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में 20 जुलाई को भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें आमने-सामने होंगी. इस सेमीफाइनल में भारतीय महिला क्रिकेट टीम इतिहास रच सकती है.
बेशक आंकड़ों के लिहाज से भारत, ऑस्ट्रेलिया से काफी पीछे है, लेकिन इस बार विश्व कप के पहले मैच में इंग्लैंड और पिछले मैच में न्यूजीलैंड पर उलटफेर करने के बाद भारत ने अपने अंदर छिपी सम्भावनाओं को उजागर किया है.
अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम यह मैच अपने झोली में डाल सकती है. जानें आखिर क्या है ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया की स्ट्रैटजी.
इसलिए जीत सकती है टीम इंडिया
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच यह मुकाबला आज काउंटी ग्राउंड में खेला जाएगा. भारत ने 2009 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को आक्रामक खेल की बदौलत उसे उसी के घर में दो बार हराया था. इस बार भारत के तरकश में कई तीर हैं. महाराष्ट्र के सांगली की रहने वाली स्मृति मंधाना भारत की पहली ट्रम्प कार्ड हैं.
क्या होगी स्ट्रैटजी
भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की धार एकता बिष्ट हैं. उनकी जगह शामिल राजेश्वरी गायकवाड़ भी पिछले मैच में कारगर रही थीं. कोच तुषार अरोठे रनों पर अंकुश लगाने के लिए लेग स्पिनर पूनम यादव के साथ बाएं हाथ की इन दोनों स्पिनरों को एक साथ उतार सकते हैं.
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम में बाएं हाथ की तीन खिलाड़ियों को ध्यान में रखते हुए टीम में दीप्ति शर्मा और हरमनप्रीत कौर के रूप में दो ऑफ स्पिनर हैं. विकेट के पीछे सुषमा वर्मा को पहले सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इंग्लैंड की विकेटकीपर सारा टेलर से सबक सीखने की जरूरत है. उनकी तेजतर्रार स्टम्पिंग से तृषा चेट्टी का स्टम्प होना मैच का बड़ा अंतर साबित हुआ था.
ये करना होगा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ
अगर टीम को लॉर्डस में फाइनल खेलना है तो इसके लिए उन्हें पिछले कुछ मैचों की अपनी फॉर्म से सबक सीखते हुए कम से कम पहले सात ओवर विकेट पर टिकना होगा, क्योंकि इतने ओवर टिकने के बाद उन्होंने बड़े-बड़े स्कोर बनाए हैं. पिछले साल हॉबर्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक भी इसका एक उदाहरण है.
शीर्ष बल्लेबाजों पर दारोमदार
भारत के पांच शीर्ष बल्लेबाजों को 40 ओवर तक टिकना होगा. मंधाना, पूनम राउत, मिताली राज, हरमनप्रीत और दीप्ति शर्मा को विकेट बचाने के साथ ही रन गति को भी बनाए रखना होगा. पिछले मैच में वेदा कृष्णामूर्ति ने अंत में अच्छी आक्रामक बल्लेबाजी करके भारत की सेमीफाइनल में पहुंचाने की राह तैयार की थी. वहीं मिताली ने अपने करियर के आखिरी एक हजार रन पिछले पांच हजार रनों की तुलना में सबसे तेज बनाए हैं.
भारत के लिए वरदान है काउंटी ग्राउंड
काउंटी ग्राउंड, भारत के लिए इस विश्व कप में अभी तक अच्छा साबित हुआ है. यहां भारत ने शुरुआती मैचों के बाद न्यूजीलैंड को 186 रन से हराकर किवी टीम के बढ़ते कदमों पर लगाम लगा दी थी. यह उस भारतीय टीम की शानदार वापसी थी जो पिछले विश्व कप में सातवें स्थान पर रही थी.
भारतीय टीम की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा को भरोसा है कि टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया को हरा सकती है. अंजुम का मानना है कि दोनों टीमों के मैच जीतने की संभावना 50-50 फीसदी है.
अंजुम ने कहा, “हां, मेरा मानना है कि भारत ऑस्ट्रेलिया को हरा सकता है. मुझे भरोसा है कि भारतीय टीम फाइनल में पहुंच सकती है.”
भारतीय कप्तान मिताली राज ने उम्मीद जताई कि उनकी टीम ऑस्ट्रेलिया को हराने में जरूर कामयाब होगी. मिताली ने कहा, ‘‘हमने ग्रुप चरण के चार मैच इसी मैदान पर खेलें हैं, इसलिए हम हालात से वाकिफ हैं और ये हमारी टीम के लिए काफी अच्छा है.’’
आपको बता दें कि अब तक दोनों टीमों ने 42 मैच खेले हैं, जिसमें से ऑस्ट्रेलिया ने 34 और भारत ने सिर्फ आठ जीते हैं. भारत आज तक बस एक बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है. दक्षिण अफ्रीका (2005) में हुए टूर्नामेंट के फाइनल में उसे ऑस्ट्रेलिया से 98 रन से शिकस्त मिली थी.
सेमीफाइनल में खेलने वाली दोनों देशों की टीम.
भारत
मिताली राज (कप्तान ), एकता बिष्ट, राजेश्वरी गायकवाड़, झूलन गोस्वामी, मानसी जोशी, हरमनप्रीत कौर, वेदा कृष्णामूर्ति, स्मृति मंधाना, मोना मेशराम, शिखा पांडे, पूनम यादव, नुजहत परवीन, पूनम राउत, दीप्ति शर्मा, सुषमा वर्मा, स्मृति मंधाना
ऑस्ट्रेलिया
मेग लेनिंग (कप्तान), सारा एले, क्रिस्टीन बीम्स, एलेक्स ब्लैकवेल, निकोल बोल्टन, एशले गार्डनर, रशेल हेंस, एलिसा हीली, जेस जोनासेन, बेथ मूनी, एलिसे पेरी, मेगान शट, बेलिंडा वेकारेवा, एलिसे विलानी, अमांडा जेड वेलिंगटन