चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी में भारत ने फाइनल में पहुंचकर इतिहास कायम किया है. लीग में भारत अपने आखिरी मैच में ऑस्ट्रेलिया से 4-2 से हार गया, लेकिन फिर भी प्वाइंट्स टेबल में 7 अंक लेकर भारत फाइनल में पहुंच गया.

दरअसल लीग के एक दूसरे मैच में ब्रिटेन और बेल्जियम के बीच मुकाबला 3-3 से ड्रॉ रहा. ऐसे में इन टीमों को 1-1 अंक आपस में बांटना पड़ा. भारत पांच मैचों में 2 जीत, एक ड्रॉ और 2 हार के साथ 7 अंक हासिल कर पाया और फाइनल में जगह बना ली.

फाइनल में भारत की टक्कर वर्ल्ड नंबर 1 और वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम से ही होगी. भारत को टूर्नामेंट में 34 साल बाद पहली बार कोई पदक हासिल होगा.

ऑस्ट्रेलिया रहा टॉप पर

ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 5 में से सिर्फ एक मैच मेजबान ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ ड्रॉ खेला और 13 अंक लेकर टॉप पर रहा. भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम के हाथों हार का सामना करना पड़ा जबकि भारत ने इस टूर्नामेंट में ओलंपिक चैंपियन और चैंपियंस ट्रॉफी चैंपियन जर्मनी के खिलाफ मुकाबला ड्रॉ खेला तो मेजबान ग्रेट ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया को शिकस्त दी और प्वाइंट्स टेबल में दूसरे नंबर पर रहा.

पहली बार बनाई जगह

भारत ने 36वीं चैंपियंस ट्रॉफी में पहली बार फाइनल में जगह बनाई है. इससे पहले भारत सिर्फ एक बार 1982 में पोडियम पर जगह बना पाया था. भारत पिछले दो चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट में 2012 और 2014 में भारत चौथे नंबर पर रहा. हॉकी के इस एलीट टूर्नामेंट में भारत अब तक 15 बार क्वालिफाई कर पाया है. टूर्नामेंट में दुनिया की सिर्फ टॉप 6 टीमों को हिस्सा लेने का मौका मिलता है.

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