भारत की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने इतिहास रच दिया है. संधू प्रतिष्ठित फुटबॉल चैंपियनशिप यूरोपा लीग में खेलने वाले भारत के पहले फुटबॉल खिलाड़ी बन गए हैं.
संधू से पहले मोहम्मद सलीम, पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया और वर्तमान कप्तान सुनील छेत्री विदेशों में खेल चुके हैं, लेकिन इनमें से कोई भी क्लब की फर्स्ट टीम का हिस्सा नहीं बन पाया है.
बता दें संधू ने नॉर्वे के स्टेबैक फुटबॉल क्लब की तरफ से यूरोपा लीग क्वालीफायर में वेल्स के कोन्ना क्वे नोमाड्स फुटबॉल क्लब के खिलाफ मैदान में उतरने के साथ यह उपलब्धि हासिल किया है.
वैसे इस मुकाबले में संधू मैदान पर केवल 28 मिनट ही खेल पाए और बाद में हाथ में चोट की वजह से उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा. उनकी जगह सायोबा मैंडी ने संभाली जो इस मैच से पहले तक टीम की पहली पसंद के गोलकी पर थे.
24 वर्षीया संधू ने कहा, मुझे गर्व है कि मुझे पदार्पण का मौका मिला, लेकिन चोट लगने के कारण मुझे बीच मैच में से मैदान से हटना पड़ा. लेकिन चोट तो खेल का हिस्सा होता है.
गुरप्रीत की चोट का एक्स-रे किया जाएगा लेकिन वे इस टीम के खिलाफ दूसरे चरण के मैच से बाहर हो गए हैं. स्टीफन कोंस्टेन्टाइन द्वारा 2015 में कोच पद संभालने के बाद से गुरप्रीत भारतीय टीम के गोलकीपर बने हुए हैं.
वैसे इससे पहले संधू ने नॉर्वे प्रीमियर लीग में स्टेबैक एफसी की ओर से पहला मुकाबला आइके स्टार्ट के खिलाफ खेला, जिसमें उनकी टीम ने 5-0 से एकतरफा जीत दर्ज की. संधू ने 2014 में स्टेबैक एफसी के साथ करार किया था, लेकिन इससे पहले उन्होंने नॉर्वे प्रीमियर लीग में कोई मुकाबला नहीं खेला था.