चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी के फाइनल में वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 3-1 से हरा दिया. भारत को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा. लेकिन वह चैंपियन की तरह खेली. तय वक्त तक न तो 13 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया और न ही भारत कोई गोल कर सका. फैसला पेनल्टी शूटआउट में हुआ. हालांकि, भारत ने ऑस्ट्रेलिया के डेनियल बील को दोबारा पेनल्टी शॉट देने का विरोध किया. करीब एक घंटे चले विवाद के बाद इंडोर में ऑस्ट्रेलिया को विनर डिक्लेयर किया गया.
14वीं बार चैंपियन बना ऑस्ट्रेलिया...
चैंपियंस ट्रॉफी के अंतिम लीग मैच में भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम 4-2 से हार गई थी. ऑस्ट्रेलिया चैंपियंस ट्रॉफी का 14वीं बार चैंपियन बना.
पेनल्टी शूटआउट में भारत की ओर से एसवी सुनील, सुरेंद्र कुमार और एस. उथप्पा गोल करने में कामयाब नहीं हो सके. सिर्फ हरमनप्रीत सिंह ही शूटआउट में भारत की ओर से गोल करने में कामयाब रहे.
ऑस्ट्रेलिया की ओर से डेनियल बील, सिमोन ऑर्चर्ड और अरान जलोव्स्की ने गोल किए. ट्रेंट मिटन ऑस्ट्रेलिया की तरफ से शूटआउट में गोल करने में चूके.
भारतीय टीम इससे पहले इस टूर्नामेंट में एक बार ब्रॉन्ज मेडल (1982) ही जीत सका था.
पेनल्टी शूटआउट में हुआ ड्रामा
पेनल्टी शूटआउट में काफी ड्रामा हुआ. बील को दोबारा से शॉट लेने को कहा गया. पहली बार में बील गोल दागने में कामयाब नहीं रहे थे. दूसरी बार पेनल्टी मिलने पर बील ने गोल दाग दिया.
वीडियो अंपायर ने उन्हें दोबारा शॉट लेने के लिए कहा. भारतीय कोच रोलेंट ओल्तमांस ने इस पर काफी आपत्ति जताई.
मैच खत्म होने के बाद भारतीय टीम ने भी बील को दोबारा शॉट दिए जाने पर विरोध जताया. इसके चलते फाइनल स्कोर जारी करने में भी देरी हुई.
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