भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व महान स्पिनर अनिल कुंबले की घातक गेंदबाजी के अलावा बल्लेबाज उनके नए प्रयोगों से भी खौफ खाते थे. टीम इंडिया के नए कोच नियुक्त होते ही सभी को उनसे ये उम्मीद थी कि वो टीम की रणनीति में भी नए प्रयोग कर भारतीय टीम को नंबर वन की पोजिशन दिलाए और हुआ भी कुछ ऐसा ही.

टीम इंडिया को कोच अनिल कुंबले ने एक 'प्रोटोकॉल' बनाया है कि चोट से उबर रहे प्लेयर्स को नैशनल टीम में वापसी करने पर अपने नाम का विचार कराने के लिए 'डोमेस्टिक क्रिकेट' में खेलना होगा. बीते समय में ऐसे कई उदाहरण रहे हैं, जब प्लेयर्स गंभीर चोट के बाद तेजी से वापसी के चक्कर में चोटिल हो गए. कुंबले को लगता है कि 'प्लेयर्स के साथ बातचीत इसमें अहम है' क्योंकि उनकी वापसी की उत्सुकता को समझा जा सकता है.

अनिल कुंबले ने कहा, 'किसी भी टीम की गतिविधि में बातचीत अहम है. जल्दी फिट होने की बजाए खिलाड़ी का पूरी तरह फिट होना अहम है. चोटिल खिलाड़ी को टीम में जल्दी वापसी करने की सोचने के बजाए पूरी तरह फिट होने पर सोचना चाहिए. यह टीम के और उसके खुद के लिए ज्यादा बेहतर है.'

वह राहुल और रोहित के लिए बहुत दुखी थे, जिन्हें हाल में जांघ की गंभीर चोट लगी थी, जिसकी सर्जरी की जरूरत हो सकती है. उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केएल राहुल जो इतना बढ़िया खेले, अब नहीं खेल रहे. इसी तरह भुवी, शिखर, रोहित के लिए यह बड़ा झटका है. रोहित के लिए बहुत दुखी हूं क्योंकि वह टेस्ट फॉर्मेट में बढ़िया कर रहा था. निश्चित रूप से हम रोहित की छोटे फॉर्मेट में अहमियत जानते हैं.'

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