भारत में हर आम इंसान कुछ खास अंधविश्वासों को मानता है. हम अपने फेवरेट टीम, फेवरेट खिलाड़ियों के लिए तरह-तरह के अंधविश्वास को मानते हैं. इसी तरह क्रिकेट खिलाड़ी भी अपने प्रदर्शन के लिए या अच्छे लक के लिए अपने गेंद और बल्ले के कौशल से ज्यादा कुछ अंधविश्वासों को ज्यादा तवज्जो देते हैं. क्रिकेट की दुनिया में भगवान का दर्जा रखने वाले सचिन तेंदुलकर भी उन अंधविश्वासी खिलाड़ियों की श्रेणी में आते हैं. सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी के लिए तैयार होते समय अपने बाएं पैर में पैड पहले पहनते थे, साथ ही अपनी किटबैग में साई की फोटो भी रखते थे. सचिन इसे अपना गुडलक मानते थे. इसी तरह दुनिया भर के बहुत से और भी ऐसे खिलाड़ी हैं जो इस तरह के अंधविश्वासों को मानते हैं. तो आइए ऐसे कुछ खिलाड़ियों और उनके अंधविश्वासों के बारे में जानते हैं.
1. विराट कोहली
मौजूदा दौर के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में एक विराट कोहली भी अंधविश्वास की जकड़ से खुद को बचा नहीं पाए. विराट अपने फेवरेट बैटिंग ग्लव्स के साथ ही मैदान में बल्लेबाजी करने उतरते थे. हालांकि उनका ये अंधविश्वास बहुत ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका और उन्हे जल्दी ही ये एहसास हो गया कि क्रिकेट के इस खेल में हुनर की जरूरत है अंधविश्वास की नहीं. इसके बाद उन्होने अपने फेवरेट ग्लव्स को ‘बॉय बॉय’ बोल दिया और देखिये विराट आज भी उसी तेजी से रन बना रहे है. बल्कि ये कहें कि उनके खेल में और ज्यादा सुधार नजर आ रहा है.
2. वीरेन्द्र सहवाग
अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से ना जाने कितने गेंदबाजों की नींद खराब करने वाले वीरेन्द्र सहवाग भी अंधविश्वास के शिकार रहे. अपने शुरूआती दिनों में सहवाग 44 नंबर की जर्सी के साथ खेलते थे लेकिन इस नंबर ने उनका साथ नहीं दिया. इसके बाद सहवाग ने किसी अंकशास्त्री के कहने पर बिना नंबर की जर्सी के साथ खेलना शुरू कर दिया था.
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