टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र धौनी ऑस्ट्रेलिया में जीत के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे है. धौनी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार तीन मैचों में मिली हार निराश हैं और हार की बड़ी वजह भारत की तेज गेंदबाजी. तेज गेंदबाजों के लचर प्रदर्शन को देखते हुए धौनी बल्लेबाजों से अधिक जिम्मेदारी लेने और अधिक रन बनाने की अपील की है. बल्‍लेबाजों ने दो मैचों में टीम को 300 से अधिक रन बनाकर दिए, लेकिन गेंदबाजों ने निराश किया और नतीजा ऑस्‍ट्रेलियाई टीम पांच मैचों की वन-डे सीरीज में 3-0 से आगे हो गई.

आइए जानते हैं टीम इंडिया को मिली करारी हार के पांच कारण-

कैच टपकाना

कहावत है कि कैचेस विन मैचेस यानी कैच पकड़ो मैच जीतो. मगर शुक्रवार को टीम इंडिया के खिलाडिय़ों में कैच टपकाने की कोई स्पर्धा चल रही थी. अजिंक्य रहाणे, ईशांत शर्मा, मनीष पांडे, बरिंदर सरन ने कैच पकडऩे के मौके गंवाए और नतीजा टीम इंडिया को शिकस्त झेलनी पड़ी. पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया के युवा खिलाडिय़ों ने फील्डिंग का स्तर ऊंचा किया था, लेकिन शुक्रवार को फील्डर्स ने कैच टपकाने के साथ-साथ रन आउट के भी कई मौके गंवाए. यहीं कारण है कि टीम इंडिया को गाबा में हार झेलनी पड़ी.

गेंदबाजी विभाग बड़ी कमजोरी

टीम इंडिया को लगातार दूसरे मैच में गेंदबाजों की वजह से हार का सामना करना पड़ा. विदेशी पिच पर भारतीय गेंदबाज फीके साबित हो रहे है, जिससे आलोचकों को मौका मिल रहा है. भारतीय गेंदबाजों ने मैच में 12 वाइड गेंद फेंकी, जिसने विरोधी टीम पर दवाब हल्का कर दिया. उमेश यादव, ईशांत शर्मा और बरिंदर सरन अपनी गति से कोई प्रभाव नहीं छोड़ पा रहे हैं. स्पिन विभाग एशियाई उपमहाद्वीप के बाहर फीका साबित हो रहा है. धौनी ने मैच के बाद यह भी कहा कि अब बल्‍लेबाजों को 330 रन का स्‍कोर खड़ा करना होगा ताकि मैच जीता जा सके.

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