एटलेटिको डि कोलकाता ने केरला ब्लास्टर्स को पेनल्टी शूटआउट में 4-3 से शिकस्त देकर तीन साल में दूसरी बार इंडियन सुपर लीग खिताब अपने नाम किया.

दोनों टीमें निर्धारित समय तक 1-1 से बराबरी पर थी. अतिरिक्त समय के बाद भी दोनों टीमों में से कोई गोल नहीं कर सकी. इससे 120 मिनट के बाद यह मुकाबला शूटआउट में चला गया. केरला के लिए निर्धारित समय में मोहम्मद रफीक ने, जबकि कोलकाता के लिए हेनरिक सरनो ने गोल किया था.

एटीके के सह-मालिक सौरव गांगुली, संजीव गोयनका के साथ काफी खुश थे, जिनकी फ्रेंचाइजी ने साथी खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर की टीम को शिकस्त दी. भारतीय अंतरराष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी जेवेल राजा ने जब पांचवीं पेनल्टी पर गोल किया तो 55,000 दर्शकों की क्षमता वाले नेहरू स्टेडियम में चुप्पी छा गई. 2014 के फाइनल में भी एटलेटिको डि कोलकाता ने केरला ब्लास्टर्स को मुंबई में 1-0 से शिकस्त दी थी. यह इंडियन सुपर लीग के तीन चरणों में पहला पेनल्टी शूटआउट था.

जेवेल राजा के अलावा शूटआउट में समीघ दौते, बाजरे फर्नांडिज और जेवियर लारा ने गोल किए, जबकि इयेन हुमे का शॉट केरला के गोलकीपर ग्राहम स्टैक ने रोक दिया.

केरला की टीम ने इस मैच से पहले लगातार छह जीत दर्ज की थी. उसके लिए अंटोनियो जर्मन, केरवेंस बेलफोर्ट और मोहम्मद रफीक ने गोल किए, जबकि इल्हादजी एनडोए और सेड्रिक हेंगबार्ट लक्ष्य से चूक गए. एटलेटिको डि कोलकाता के टूर्नामेंट के दूसरे सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हुमे मैच के ज्यादातर हिस्से में शांत ही दिखे, क्योंकि केरला के डिफेंडरों ने उन्हें कोई मौका नहीं लेने दिया.

मेहमान टीम के मार्की खिलाड़ी हेल्डर पोस्टिगा फार्म में नहीं लग रहे थे, 68वें मिनट में उनकी जगह दूसरे खिलाड़ी को लाया गया. केरला के फारवर्ड सीके विनीत और डकेन्स नाजोन भी प्रभावित नहीं कर सके, जबकि वे फाइनल से घरेलू स्थल पर पहले शीर्ष फार्म में थे जहां घरेलू दर्शक उन्हें चीयर करने आते थे.

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