तय समय पर पहुंच जाने की जल्दबाजी ही आजकल ड्राइवर के साथसाथ लोगों को भी बहुत महंगी पड़ रही है. यही वजह है कि वे बस को काफी तेज चलाने लगे हैं. बस को तेज चलाने के चलते ही आगरा के यमुना एक्सप्रेस वे पर 8 जुलाई, 2019 की अलसुबह साढ़े 4 बजे दर्दनाक हादसा हो गया. 165 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश में नोएडा को आगरा से जोड़ता है. लखनऊ से दिल्ली जा रही एक डबल डेकर रोडवेज बस यमुना एक्सप्रेस वे से 30 फुट गहरे नाले में जा गिरी.

अवध डिपो की जनरथ बस रविवार 7 जुलाई, 2019 की रात 10 बजे आलमबाग रोडवेज बसस्टैंड से सवारियों को ले कर दिल्ली के लिए निकली थी. बस में लगभग 45 से 50 मुसाफिर सवार थे. बस लखनऊ एक्सप्रेस वे और इनर रनिंग रोड होते हुए अगले दिन एत्मादपुर थाना क्षेत्र के पास तड़के सुबह साढ़े 4 बजे पहुंच गई.

बताया जा रहा है कि यहां से 2-3 किलोमीटर दूर चलते ही चालक को झपकी आ गई. इस के बाद अनियंत्रित हो कर बस यमुना एक्सप्रेसवे की 4 फुट ऊंची  रेलिंग तोड़ते हुए 30 फुट गहरे ‘झरना नाला’ में जा गिरी.

हादसे के समय ज्यादातर यात्री गहरी नींद में थे. बहुतों को तो चीखने या मदद मांगने का मौका भी नहीं मिला. गांव के ही एक आदमी ने हादसे के समय धमाके जैसी जोर की आवाज सुनी. उसी ने आसपास के लोगों को इस की जानकारी दी. इस के बाद गांव वाले वहां पहुंच गए. गांव वालों ने पुलिस को खबर दी.

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उधर, बस नाले में गिर कर उलट गई थी और सभी सवारियां उस में फंसी हुई थीं. मौके पर पहुंची पुलिस ने गांव वालों की मदद से घायलों को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया. तकरीबन 2 घंटे बाद जेसीबी और क्रेन हादसे वाली जगह पर पहुंची और बस को सीधा कर उस में फंसे दूसरे लोगों को बाहर निकाला गया, जिस में ज्यादातर की मौत हो चुकी थी.

इस भीषण हादसे में 29 लोग मारे गए हैं वहीं 18 लोग घायल हुए हैं. घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. आगरा के डीएम एनजी रवि कुमार ने बताया कि इस हादसे में एक बच्ची और 15 साल की एक बालिका समेत 29 लोगों की मौत हुई है. 18 घायलों को अस्पताल में भरती कराया गया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि बस की स्पीड तेज थी और ड्राइवर को झपकी आ गई थी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने का ऐलान किया है. साथ ही, उन्होंने दुर्घटना के सही कारणों का पता लगाने के लिए परिवहन आयुक्त, मंडल आयुक्त और महानिरीक्षक (आगरा रेंज) की एक समिति द्वारा जांच का आदेश दिया है. उन्हें 24 घंटे के भीतर एक रिपोर्ट देनी होगी.

सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों ने लंबे समय तक चौड़े एक्सप्रेसवे पर तेज गति के खतरों को चेतावनी दी है, खासकर सुबह के समय और रात को. लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि अगर ड्राइवरों को लखनऊ टोल प्लाजा से आगरा तक 302 किलोमीटर की दूरी को 3 घंटे से कम समय में कवर किया जाता है तो उन्हें तेज गति के लिए जुर्माना देना होगा.

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जब तक सरकार द्वारा कड़ा शिकंजा नहीं कसा जाएगा, तब तक यों ही सड़क हादसे होते रहेंगे. क्योंकि नियमों की तमाम अनदेखी इस की अहम वजह है. जगह जगह न तो स्पीड ब्रेकर हैं और न ही इन की स्पीड पर रोक लगाने का पुख्ता इंतजाम. सर्दियों में ट्रक, कार व बस हादसे होने की अहम वजह भी यही है. आए दिन स्पीड तेज होने के कारण हादसे होते हैं, पर कोई इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देता जब तक बड़ा हादसा न हो जाए. कुछ दिनों तक तो लोग अफसोस जाहिर करते हैं और बाद में फिर वही दोहराया जाता है.

सरकार के साथसाथ हमें भी सचेत होने की जरूरत है कि ऐसे हादसों से बचा जाए और नियंत्रित हो कर वाहन चलाया जाए. ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन किया जाए तो ऐसी कोई वजह नहीं कि हादसा आप को छू भी सके इसलिए सेफ चलें सेफ रहें.

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