Wild Animals : बीते ढाई महीने से लखनऊ के रहमानखेड़ा इलाके में एक बाघ घूम रहा है. पूरा वन महकमा उस बाघ को पकड़ने के लिए ढाई महीने से मशक्कत कर रहा है. मगर बाघ झलक दिखला कर चंपत हो जाता है. वन विभाग ने उसे रिझानेललचाने के तमाम इंतजाम किए. कभी पिंजड़े में बकरी बांधी, कभी पड़वा बांधा. बाघ आता, ट्रैंक्विलाइज करने के लिए बंदूकें तान कर बैठे वन अधिकारियों की नाक के नीचे से कब अपना शिकार खींच ले जाता, सूरमाओं को पता तक नहीं चलता. बीते ढाई महीने से बाघ सरकारी मेहमान बन कर नरमगरम गोश्त की दावत पर दावत उड़ा रहा है, मगर हत्थे नहीं चढ़ रहा.
एक दिन सुबहसुबह एक किसान ने इलाके में घूमते बाघ को सामने से देखा और अपना लोटा पानी छोड़ कर भागा. एक दिन वह एक वन अधिकारी की जीप के सामने आ गया और उस की जीप पलटतेपलटते बची. बाघ सामने से चैलेंज दे रहा है मगर किसी में ताकत नहीं कि उसे पिंजरे में कैद कर सके.
13 फरवरी को लखनऊ में ही बुद्धेश्वर एमएम लौन में हो रहे एक विवाह समारोह में तेंदुआ घुस आया. रात लगभग 8 बजे एक तेंदुए की घुस जाने की खबर से लोग दहशत में आ गए और अपनी जान बचाने के लिए सड़कों पर भाग खड़े हुए. दूल्हादुल्हन को एक कार में बंद किया गया. वे 5 घंटे उस कार में बंद रहे. रात के 3 बजे जब वन कर्मियों ने तेंदुए को बेहोश कर पकड़ने में कामयाबी पाई उस के बाद कहीं जा कर फेरे पड़े और वह भी मेहमानों की अनुपस्थिति में क्योंकि अधिकतर लोग भय के मारे भाग चुके थे. आपाधापी में एक शख्स तो छत से ही कूद गया और बुरी तरह से घायल हो गया. एक वन कर्मी के हाथ तेंदुए के पंजा मरने से घायल हो गए. काफी जद्दोजहद के बाद तेंदुए को पकड़ा जा सका. लेकिन इस रैस्क्यू से पहले जो कुछ हुआ वह रोंगटे खड़े कर देने वाला था.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन