शादी की 15वीं सालगरिह मनाते मिस्टर और मिसेज धोनी की वीडियो शायद आपने भी देखी हो, य दोनों सिंपल कपड़ों में केक काटकर एकदूसरे को खिला रहे हैं, कोई तामझाम नहीं, न पतली लंबी ग्लासेज में ऊपर तक भरी शैंपेन, न फूलों के मंहगे बुके के साथ आते गेस्ट, न फाइव स्टार होटल में डीजे की धुन पर थिरकते नशे में चूर मेहमान.
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मैरिज को लेकर इनका कंसैप्ट साफ है, “शादी दो लोगों के बीच होती है इसलिए एनीवर्सरी भी इनके बीच ही होनी चाहिए” और शायद यही वजह है कि महेंद्र सिंह धोनी और साक्षी का रिश्ता हर बीते साल के साथ गहराता चला जा रहा है.
शादी के शोध को समझें
नेशनल लाइब्रेरी औफ मैडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट How Couple’s Relationship Lasts Over Time? A Model for Marital Satisfaction के अनुसार, “डिवोर्स पर जाकर खत्म होनेवाली शादियों में से ज्यादातर में यह पाया गया कि ऐसे कपल्स के रिश्तों में संतुष्टि की भावना खत्म हो गई थी. रिसर्च करने वाले यह जानना चाहते थे कि आखिर इस रिश्ते में आपसी संतुष्टि को पैदा करने वाली या बढ़ानेवाली चीजें क्या हो सकती है? जिसे पता कर पतिपत्नी के रिश्ते में संतोष का प्रतिशत बढ़ाया जा सके. इस शोध में यह भी पाया गया कि रिश्ते की क्वालिटी और इसमें संतुष्टि का भाव पूरी तरह से आपसी प्रेम और वैवाहिक संबंध पर टिका होता है,
यहां पर वैवाहिक संबंध का मतलब है कि पतिपत्नी अपने पारिवारिक जिम्मेदारियों को किस तरह से व्यवस्थित करते हैं, जैसा कि धोनी के मामले में दिखा कि किस तरह धोनी के नहीं रहने पर साक्षी की ओर से कोई शिकायत नहीं रहा, इस केस में पत्नी ने अपने पति के प्रति दायित्वों को पूरा किया वैवाहिक संबंधों के अंतर्गत और भी कई चीजें आई है, जो संतुष्टि के भाव को जन्म देती है जैसे परिवार की जिम्मेदारियों में दोनों की भूमिकाएं, दोनों के पास फ्री टाइम, प्राइवेसी, बढ़िया कम्युनिकेशन और परिवार के बाहर के रिश्ते का आपसी मैनेजमेंट.
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