कोचिंग गुरु देशभर में हजारों कोचिंग सैंटरों का जाल बिछा है मगर उन कोचिंग सैंटरों में कुछेक ही ऐसे मुकाम तक पहुंच पाए जिन्होंने ऐसे शिक्षकों को जन्म दिया जो अपने नाम की ब्रैंडिंग कर छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं. उन्हीं में खान सर और डाक्टर विकास दिव्यकीर्ति हैं. कोचिंग और ट्यूशन का बाजार बढ़ रहा है तो वहीं कोचिंग चलाने वाले टीचर सैलिब्रिटी बन गए हैं. कोचिंग पढ़ाने वालों ने अपने यूट्यूब चैनल बना कर भी शोहरत हासिल की है. खान सर और डाक्टर विकास दिव्यकीर्ति के नाम इन में सब से ऊपर हैं. ये अपने अलगअलग कामों से भी चर्चा में बने रहते हैं.

इन की शोहरत का ही असर है कि टीवी के बड़ेबड़े शो में इंटरव्यू के लिए ये बुलाए जाते हैं. सोशल मीडिया पर इन के करोड़ों फौलोअर्स हैं जिस के कारण यूट्यूब पर इन के देखने वालों की संख्या बहुत है. वीडियो अपलोड होते ही करोड़ों लोगों तक पहुंच जाता है. इस से इन की आमदनी लाखों में होती है. पहले कोचिंग क्लासेस में लिखने और नोट्स बनाने की आदत डाली जाती थी, अब कोचिंग संस्थाओं द्वारा बनेबनाए नोट्स दे दिए जाते हैं. इस के अलग से पैसे लिए जाते हैं.

खुद के नोट्स न बनाने के कारण छात्रों के पढ़ने व लिखने की आदत छूटती जा रही है. वे केवल परीक्षा को पास करने का ही हुनर जानते हैं. ऐसे में जो छात्र परीक्षाओं में सलैक्ट नहीं होते वे लिखनेपढ़ने का कोई कैरियर नहीं बना पाते हैं. ऐसे छोटेबड़े कोचिंग गुरु हर शहर में होते हैं. कोचिंग से बड़ी इन की अपनी पहचान होती है. तमाम कोचिंग इन के नाम पर ही चलती हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सड़कों पर तमाम बोर्डों पर लिखा मिल जाता है, ‘इंजीनियर डाक्टर बनने के हैं सपने तो रघुवंशी सर हैं अपने’. अशोक सिंह रघुवंशी लखनऊ में रघुवंशी कोचिंग चलाते हैं. डाक्टर बनने के लिए जो भी बच्चे नीट परीक्षा की तैयारी करने आते हैं, रघुवंशी सर उन की पहली पसंद होते हैं.

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