सेक्टर-8 की सेंट्रल रोड से होते हुए वर्णिका कुंडू सेक्टर-7 के पेट्रोल पंप के पास पहुंची तो उस के किसी दोस्त का फोन आ गया. कार को सड़क किनारे रोक कर वह फोन सुनने लगी. तभी उस ने देखा कि एक एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) पीछे आ कर रुकी और उस में से 2 युवक उतर कर उस की कार की ओर बढ़ने लगे. सफेद रंग की यह एसयूवी गाड़ी तभी से उस का पीछा कर रही थी, जब वह सेक्टर-8 से निकली थी. तब उस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था.

उस रोज शुक्रवार था और तारीख थी 4 अगस्त, 2017. देर रात सवा 12 बजे वर्णिका अपनी कार से सेक्टर-8 की मार्केट से पंचकूला स्थित अपने घर जा रही थी. हरियाणा का यह शहर चंडीगढ़ से एकदम सटा है. उस जगह से घर पहुंचने में उसे 10-15 मिनट से ज्यादा का वक्त नहीं लगना था.

पहले भी वह करीबकरीब रोजाना चंडीगढ़ से पंचकूला इसी तरह अकेली जाती थी, वक्त भी यही होता था. चंडीगढ़ उसे हर तरह से सुरक्षित लगता था. लेकिन उस रात पीछे आने वाले युवकों का अलग सा अंदाज देख कर उस के मन में अनहोनी की आशंका हुई. उस ने फोन बंद कर के वहां से कार दौड़ा दी.

कार को वहां से भगाते समय उस ने फ्रंट मिरर में देखा कि उन लड़कों ने भी जल्दी से अपनी एसयूवी में बैठ कर उस की कार के पीछे दौड़ा दी. उन्हें देख कर साफ पता चल रहा था कि उन्हें एक अकेली लड़की को देख कर परेशान करने में बहुत मजा आ रहा था. वे बारबार हौर्न बजाते हुए डिपर का भी इस्तेमाल करते रहे. वर्णिका को एक बारगी लगा कि वे उस की कार में टक्कर मारेंगे. उन के हावभाव से शराब पिए होने की आशंका भी लग रही थी. साथ ही वे गलत इशारे भी कर रहे थे.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...