उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 62 साल के एक बुजुर्ग ने 7 साल की मासूम बच्ची को अपनी हवस की आग में झोंक दिया. यह बुजुर्ग अपनी वासना की पूर्ति के लिए उस बच्ची को अश्लील फिल्में दिखाता था. बच्ची के मना करने पर उसे जान से मारने की धमकी दे कर डराता रहता था. घटना 2 नवंबर, 2017 की है. इस से पहले भी वह इस बच्ची को बहलाफुसला कर अपने घर ले जा चुका था.

इस बार उस ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया तो मां को बच्ची की सहमी हालत देख कर शक हुआ. बहुत पूछने पर बच्ची ने मां को सच बताया तो उस के पैरों तले जमीन ही खिसक गई. जब मां ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई तब जा कर बुजुर्ग की असलियत खुली.

नवंबर माह में ही हाथरस के शिक्षक ने भी 7 साल की मासूम लड़की, जोकि उस के पास ट्यूशन पढ़ने आई, को अपनी हवस का शिकार बना डाला.

गुरुशिष्य के रिश्ते को तारतार करने वाली ऐसी घटना और पड़ोसी बुजुर्ग की हरकत बताती हैं कि मासूमों से हवस पूरी करने की घिनौनी प्रवृत्ति कम नहीं हो रही है. एक शिक्षक जब ऐसी करतूत करता है तो यह कहना गलत नहीं होगा कि ऐसे यौन अपराध सिर्फ अशिक्षित व निम्नवर्गीय तबकों में ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग में होते हैं. बच्चों को ऐसे हैवानों से बचाने के लिए कानूनी उपायों के अलावा आम लोगों को जागरूक होना पड़ेगा.

ये भी हैं शिकार

मशहूर सितारवादक अनुष्का शंकर भी बचपन में बाल यौनशोषण की शिकार हुई थीं. बकौल अनुष्का शंकर, ‘‘मैं बचपन में छेड़छाड़ व विभिन्न प्रकार के शारीरिक शोषण का शिकार हुई. मुझे नहीं पता था, इस से किस प्रकार निबटना है. मुझे नहीं पता था कि इसे कैसे रोका जा सकता था. बतौर महिला, मुझे लगता है कि मैं ज्यादातर समय भय के साए में रहती हूं, रात में अकेले बाहर निकलने में डरती हूं, घड़ी का समय पूछने वाले व्यक्ति को जवाब देने में डरती हूं. इसी प्रकार की तमाम अन्य बातें हैं जिन से मुझे डर लगता है.’’

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